मुंबई । आज हिंदी फिल्मों के असली शो मैन यानि बीआर चोपड़ा की बर्थ एनिवर्सिरी है। बी आर चोपड़ा को हिंदी फिल्मों का रोमांस किंग कहा जाना चाहिए। आज यशराज चोपड़ा को रोमांस किंग के नाम से पुकारा जाता है लेकिन उन्होंने फिल्म बनाने की कला अपने बड़े भाई बी आर चोपड़ा यानि बलदेव राज चोपड़ा से सिखी। बी आर चोपड़ा अपने दौर के सबसे सफल और टॉप के डायरेक्टर रहे। ‘नया दौर’, ‘वक़्त’, ‘हमराज’, ‘बाबुल’ और ‘बागवान’ जैसी जीवन में रची-बसी कहानियों को दर्शाती बी. आर. चोपड़ा की फ़िल्में आज भी सिने प्रेमियों के दिल और दिमाग पर अमिट छाप छोड़ती हैं। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह और वेश्यावृत्ति जैसी सामाजिक समस्या को अपनी फ़िल्मों का विषय बनाया। उनकी ज़्यादातर फ़िल्में किसी न किसी सामाजिक मुद्दे पर आधारित रहती थीं।
यह भी पढ़े : Rahul Gandhi : आज आधिकारिक आवास से अलविदा लेंगे राहुल गांधी, लोकसभा सचिवालय सौंपेंगे बंगला
बी. आर. चोपड़ा ने अपने भाई और जाने माने फ़िल्म निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा को भी शोहरत की बुलंदियों पर पहुँचाने में अहम योगदान दिया था। 1959 में प्रदर्शित फ़िल्म ‘धूल का फूल’, ‘वक़्त’ और ‘इत्तफ़ाक’ जैसी फ़िल्मों की सफलता के बाद ही यश चोपड़ा फ़िल्म इंडस्ट्री में एक निर्देशक के रूप में स्थापित हुए थे। सुप्रसिद्ध पार्श्वगायिका आशा भोंसले को भी कामयाबी के शिखर पर ले जाने में निर्माता और निर्देशक बी. आर. चोपड़ा की फ़िल्मों का अहम योगदान था।
यह भी पढ़े : IPL 2023 : जल्द IPL से संन्यास लेंगे धोनी! हैदराबाद को हारने के बाद दिया ऐसा बयान, सुनकर उड़ गए सभी के होश
वर्ष 1985 में बी. आर .चोपड़ा ने दर्शकों की रग को पहचानते हुए छोटे पर्दे की ओर भी रुख़कर लिया। दूरदर्शन के इतिहास में अब तक सबसे ज़्यादा कामयाब रहे सीरियल ‘महाभारत’ के निर्माण का श्रेय भी बी. आर. चोपड़ा को ही जाता है। 96 प्रतिशत दर्शकों तक पहुँचने के साथ ही इस सीरियल ने अपना नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी दर्ज कराया। बी. आर. चोपड़ा के लिए यह एक महान् उपलब्धि थी।