नवरात्रि से पहले कर लें पूजन की तैयारी, इन चीजों के बिना अधूरी है 9 दिनों की पूजा, यहां देखें पूजा की सामग्री लिस्ट

Navratri 2022: नवरात्री से पहले कर लें पूजन की तैयारी, इन चीजों के बिना अधूरी 9 दिनों की पूजा, यहां देखें पूजा की सामग्री लिस्ट

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  • Publish Date - September 25, 2022 / 11:01 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 11:17 AM IST

Shardiya Navratri 2022: शक्ति साधना का त्योहार शागदीय नवरात्रि कल यानि की 26 सितंबर से शुरू होने जा रही है। पंचांग के मुताबिक शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होती है और दशमी तिथि को समाप्त होती है। इस बार शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर तक रहेगी। भारते देश में नवरात्री का पर्व बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। 9 दिश देश में ये पर्व हर्षोल्लास के मनाया जाता है। इस साल की नवरात्री बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी। कोरोना के कारण पिछले 2 साल से बड़े आयोजन पर रोक लगी हुई थी लेकिन इस साल दनवरात्री का वर्व बड़े ही धमधाम से मनाया जाएगा।

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अधूरी पूजा से अधूरा रह जाता है व्रत

Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा को घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना के बाद मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है। उसके बाद नवरात्रि के 9 दिनों तक उनकी विधि –विधान से पूजा-अर्चना होती हैं। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की अलग-अलग दिनों में अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। जिसके लिए कई प्रकार की पूजन सामग्री की जरूरत होती है। इन चीजों के बिना नवरात्रि व्रत और मां दुर्गा की पूजा अधूरी रहती है और व्रत का पूरा फल भी नहीं मिलता है। इसलिए अभी से ये पूजन सामग्रियों को अभी से खरीद लें जिससे पूजन का पूरा फल मिल सके। साथ ही पूजन करते समय किसी चीज की कमी न रहे।

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व्रत और पूजन की सामग्री लिस्ट

Durga Puja Samagri: 1. शारदीय नवरात्रि पूजा के लिए पहली चीज माता दुर्गा की नई मूर्ति या प्रतिमा।
2. यदि आप 9 दिनों का व्रत है तो 9 देवियों मूर्ति या प्रतिमा।
3. मां दुर्गा के लिए लाल रंग की चुनरी और साड़ी।
4. भैरव बाबा की एक मूर्ति या प्रतिमा।
5. एक हुनमान जी की तस्वीर या मूर्ति।
6. घटस्थापना के लिए मिटटी का एक नया कलश, उस पर रखने के लिए मिट्टी का एक ढक्कन।
7. माता रानी दुर्गा को स्थापित करने के लिए एक चौकी और उसपर बिछाने के लिए पीला वस्त्र।
8.आम और अशोक की पत्तियां।
9. मातारानी के लिए श्रृंगार सामग्री।
10. व्रती को बैठकर पूजा करने के लिए कंबल या कुश का आसन।
11. दीपक, बत्ती के लिए रुई, लाल सिंदूर, गुग्गल, लोबान, उप्पलें, जौ, केसर, नैवेद्य, पंचमेवा, मौसमी फल, मिठाई, लौंग, सुपारी, छोटी इलायची, गाय का घी आदि।
12. लाल रंग के फूलों की माला या फूल जैसे- गुड़हल, गुलाब, कमल आदि।
13. दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा और आरती की पुस्तकें।
14. धूप, कपूर, कुमकुम, अबीर एक हवन कुंड, रोली, चंदन, माचिस, आम की लकड़ी, हवन सामग्री का दो पैकेट।
15. मां दुर्गा का एक ध्वज, गंगाजल, अक्षत्, पान का पत्ता, नारियल का गोला, जटावाला नारियल, रक्षा सूत्र, मौली।

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