Karwa Chauth 2022: सुहागिनों का सबसे खास पर्व करवा चौथ में अब कुछ ही दिन बचे हैं। शास्त्रों में कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखने का विधान है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की खुशी के लिए पूरा दिन बिना अन्न-जल के रहती हैं। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद पुरे दिन गाना-बजाना करके शाम को अपना व्रत तोड़ती हैं। महिलाएं शाम के समय चंद्रमा का दर्शन करने के बाद पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत का पारण करती हैं। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर दिन गुरुवार को पड़ रहा है। करवा चौथ के दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और रात को चांद देखने के बाद ही व्रत खोलती हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इस बार नव विवाहित महिलाएं करवा चौथ का उपवास नहीं रख पाएंगी। ये सही है या गलत आइये हम आपको बताते हैं।
दरअसल, करवा चौथ को लेकर इन दिनों एक अफवाह बड़ी तेजी से लोगों के बीच फैल रही है। कुछ ज्योतिषविदों का दावा है कि इस साल करवा चौथ पर शुक्र ग्रह अस्त रहेगा, इसलिए नव-विवाहित महिलाएं अपने पहले करवा चौथ पर व्रत नहीं रख सकेंगी। लेकिन ये सही नहीं हैं। एक जाने-माने ज्योतिषाचार्य ने इस बारे में बताया कि करवा चौथ पर नव-विवाहितों के व्रत न रखने का दावा सिर्फ एक अफवाह है। उन्होंने कहा कि, ‘करवा चौथ पर हर दो-तीन साल में शुक्र ग्रह अस्त रहता है, इसके बावजूद लाखों नव-विवाहिताएं यह व्रत रखती हैं। करवा चौथ के व्रत का संबंध चंद्रमा से है, इसलिए इस दिन शुक्र अस्त हो या उदयवान, कोई फर्क नहीं पड़ता।’
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इसके अलावा इस विषय पर हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य कहना है कि ‘करवा चौथ के व्रत को लेकर कुछ लोग बड़ी ही निराधार और भ्रामक बातें कर रहे हैं। ऐसी अफवाह है कि इस साल कर्क चतुर्थी यानी करवा चौथ पर शुक्र ग्रह अस्त रहेगा और इसलिए नव-विवाहिताएं अपना पहला करवा चौथ का व्रत न रखें। ऐसी महिलाएं अगले साल से इस व्रत की शुरुआत करें। इस प्रकार का दावा बिल्कुल गलत है।’
इसके बाद ज्योतिष शास्त्री ने आगे कहा कि, ‘कर्क चतुर्थी या अन्य चतुर्थियों पर अक्सर शुक्र ग्रह अस्त होता है। गौर करने वाली बात ये है कि विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, व्रत उद्यापन आदि जैसे शुभ कार्यों में तो शुक्र की स्थिति पर विचार किया जाता है, लेकिन पितृ कार्य और व्रत रखने से इसका कोई संबंध नहीं है। नव-विवाहिताएं बिना किसी डर या संकोच के अपने पहले करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं। आप विधिवत यह उपवास रखें और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करें। आपके लिए यह व्रत मंगलमयी होगा।’