Argentina Became World Champion After 36 Years : साकार हुआ लियोनेल मेस्सी का सपना, जो पूरी दुनिया ने उनके साथ देखा….

साकार हुआ लियोनेल मेस्सी का सपना : Argentina Became World Champion After 36 Years, Lionel Messi's dream come true

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  • Publish Date - December 19, 2022 / 06:03 AM IST,
    Updated On - December 19, 2022 / 06:05 AM IST

नई दिल्ली :  Argentina Became World Champion After 36 Years : आखिरकार लियोनेल मेस्सी का विश्व कप जीतने का अधूरा सपना पूरा हुआ । एक ऐसा सपना जो उनके साथ पूरी दुनिया ने देखा और उसके पूरे होने की दुआ की । केरल से लेकर कश्मीर तक भारत भर में और दुनिया के हर कोने में इस फाइनल ने पूरी दुनिया को मेस्सी के रंग में रंग दिया । बरसों में बिरला ही कोई खिलाड़ी होता है जिसका इस कदर असर मैदान पर और मैदान के बाहर नजर आता है । मैदान पर असर ऐसा कि पहले कदम पर मिली हार के बाद पूरी टीम का मनोबल यूं बढाना कि फिर आखिरी मोर्चा फतेह करके ही दम ले । शायद पेले और डिएगो माराडोना के बाद वह पहले फुटबॉलर हैं जिनका जादू पूरी दुनिया के सिर चढ़कर बोला है । यह ट्रॉफी उनके लिये कितना मायने रखती है, यह इसी बात से साबित हो गया कि गोल्डन बॉल पुरस्कार लेने के लिये जब उनका नाम पुकारा गया तो पहले वह रूके और ट्रॉफी को चूमा ।

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Argentina Became World Champion After 36 Years :  मैदान के बाहर उनका करिश्मा ऐसा कि उनका सपना हर फुटबॉलप्रेमी का सपना बन गया । पल पल पलटते मैच के हालात के साथ दर्शकों की धड़कने भी तेज होती रही । मेस्सी के हर गोल पर जश्न मना और खिताब जीतने पर अर्जेंटीना से मीलों दूर शहरों में भी आतिशबाजी की गई । मात्र 11 बरस की उम्र में ग्रोथ हार्मोन की कमी (जीएचडी) जैसी बीमारी से जूझने से लेकर दुनिया के महानतम फुटबॉलरों में शामिल होने तक मेस्सी का सफर जुनून, जुझारूपन और जिजीविषा की अनूठी कहानी है और रविवार को फाइनल में टीम को खिताब दिलाकर वह फुटबॉल के इतिहास की जीवित किंवदंती बन गए ।

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Argentina Became World Champion After 36 Years :  अब इस बहस पर भी विराम लग जायेगा कि माराडोना और मेस्सी में से कौन महानतम है । देश के लिये खिताब नहीं जीत पाने के मेस्सी के हर घाव पर भी मरहम लग गया । सात बार बलोन डिओर, रिकॉर्ड छह बार यूरोपीय गोल्डन शूज, बार्सीलोना के साथ रिकॉर्ड 35 खिताब, ला लिगा में 474 गोल , एक क्लब (बार्सीलोना) के लिये सर्वाधिक 672 गोल कर चुके मेस्सी को विश्व कप नहीं जीत पाने की टीस हमेशा से रही । उन्हें पता था कि यह उनके पास आखिरी मौका है और 23वें मिनट में पेनल्टी पर गोल करने से पहले आंख मूंदकर शायद उन्होंने इसी प्रण को दोहराया । अर्जेंटीना ने जब आखिरी बार 1986 में विश्व कप जीता तब माराडोना देश के लिये खुदा बन गए हालांकि फाइनल में उन्होंने गोल नहीं किया था । उनके आसपास पहुंचने वाले सिर्फ मेस्सी थे लेकिन विश्व कप नहीं जीत पाने से उनकी महानता पर ऊंगलियां गाहे बगाहे उठती रहीं । ऊंगली तब भी उठी जब 2014 में फाइनल में जर्मनी ने अर्जेंटीना को एक गोल से हरा दिया था । सवाल तब भी उठे जब इस विश्व कप के पहले ही मैच में सउदी अरब ने मेस्सी की टीम पर अप्रत्याशित जीत दर्ज की ।

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Argentina Became World Champion After 36 Years :  उस हार ने मानो अर्जेंटीना और मेस्सी के लिये किसी संजीवनी का काम किया । मैच दर मैच दोनों के प्रदर्शन में निखार आता गया और पिछली उपविजेता क्रोएशिया को एकतरफा सेमीफाइनल मुकाबले में हराकर वह फुटबॉल के सबसे बड़े समर के फाइनल में पहुंच गए । इस जीत के सूत्रधार भी मेस्सी ही रहे जिन्होंने 34वें मिनट में पेनल्टी पर पहला गोल दागा और फिर जूलियर अलकारेज के दोनों गोल में सूत्रधार की भूमिका निभाई । आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे अपने देशवासियों के लिये मसीहा बन गए मेस्सी और पूरे अर्जेंटीना को जीत के जश्न में सराबोर कर दिया ।

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