Kalki 2898 AD Review: मुंबई। साउथ स्टार प्रभास की कल्कि 2898 एडी 27 जून को रिलीज होने जा रही है। 600 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म को लेकर लोग काफी क्रेज हैं और धुआंधार एडवांस बुकिंग भी हो रही है। खबरें हैं कि ये फिल्म इस साल की पहले दिन सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनेगी। बता दें कि 600 करोड़ में बनी साइंस फिक्शन के शोज हाउसफुल जा रहे हैं। वैसे इस फिल्म को लेकर अगर आप भी एक्साइटेड हो रहे हैं या फिर इस वीकेंड आप ‘कल्कि’ देखने का प्लान बना रहे हैं, तो ये रिव्यू एक बार जरूर पढ़ लें।
बता दें कि प्रभास की फिल्म कल्कि 2898 एडी थिएटर में रिलीज हो चुकी है। प्रभास की फिल्म कल्कि देखकर ऐसा लग रहा है कि इस फिल्म में प्रभास का एक बड़ा-सा गेस्ट अपीयरेंस है। अगर उन्हें और देखना है तो हमें कल्कि 2898 एडी के पार्ट 2 का इंतजार करना पड़ेगा। बाकी फिल्म में दिखाई गई नई तकनीक और एक्शन के लिए आप ये फिल्म जरूर देख सकते हैं। लेकिन सुबह मत देखना फर्स्ट हाफ के शुरुआत में नींद आ सकती है।
Kalki 2898 AD Review: फिल्म रिलीज होने से पहले प्रोडक्शन ने वॉर्निंग दी थी कि स्पॉइलर्स मत शेयर करना। तो कोशिश करते हैं बिना स्पॉइलर के आपको कहानी बताएं। साल 2898 एडी में दुनिया बदल चुकी है। इस दुनिया में अमीर और अमीर हो गए हैं। गरीब अमीरों के गुलाम बनकर रह गए हैं। लेकिन इन गुलामों में कुछ क्रांतिकारी भी है। उन्होंने शंबाला नाम का अपना शहर बनाया है, जहां वो आज भी भगवान को मानते हैं। उनका दुश्मन है कली (कमल हासन)। इस कली ने पृथ्वी से दूर अमीर लोगों के लिए नई दुनिया बनाई है, जिसे उन्होंने कॉम्प्लेक्स का नाम दिया है। कुल मिलाकर बात ये है कि भगवान का जन्म होने वाला है, क्रांतिकारी चाहते हैं उनका जन्म हो, लेकिन कली और उसकी आर्मी इस बच्चे को पैदा होने से पहले ही खत्म करना चाहती है। आगे की कहानी जानने के लिए आपको जाकर कल्कि 2898 एडी देखनी होगी।
सबसे पहले तो जब इस फिल्म में हम महाभारत के युग में अश्वत्थामा बने यंग अमिताभ बच्चन को बड़े पर्दे पर देखते हैं तब वहीं पैसा वसूल की अनुभूति होती है। लेकिन साउथ के फिल्ममेकर्स से अब ये अनुरोध है कि भैया दो फिल्म बनाने के चक्कर में फर्स्ट हाफ इतना भी मत खींचे कि ऑडियंस सामने वाली स्क्रीन की जगह मोबाइल की स्क्रीन देखने लग जाए। अगर कहानी एक पार्ट में खत्म हो सकती है, तो दूसरे पार्ट तक उसे ड्रैग करने की आवश्यकता नहीं है। फिल्म की बात करें तो फर्स्ट हाफ में बोरिंग लगने वाली ये फिल्म सेकंड हाफ में कुछ ऐसे बदल जाती है जैसे एकदम से वक्त बदल गया, जज्बात बदल गए, जिंदगी बदल गई।
निर्देशक नाग अश्विन की इस स्टोरी टेलिंग में कई ट्रैक्स और सब ट्रैक्स का एक ऐसा मकड़जाल है, जो कन्यूजन पैदा करता है। फिल्म के पहले भाग में प्रचलित पूर्वकथा और विभिन्न पात्रों को स्थापित करने में वह समय लगाते हैं। सेकंड हाफ में महानायक का रौद्र रक्षक रूप कहानी की गति को आगे बढ़ाता है। मगर इसमें कोई दो राय नहीं कि नाग अश्विन कॉम्प्लेक्स और शांभला की जो दुनिया रचते हैं, वह आपको आश्चर्यचकित होकर दांतों में उंगली दबाने पर मजबूर कर देता है।
इस कल्पित ब्रह्मांड की तकनीक, लोगों की वेशभूषा और प्रोडक्शन डिजाइन आपने बॉलीवुड में कभी न देखा हुआ अनुभव प्रदान करता है। फिल्म का वीएफएक्स किसी भी हॉलीवुड साइंटिफिक- फिक्शन से कमतर साबित नहीं होता, बल्कि श्रेष्ठ ही बन पड़ा है। मगर समस्या है कहानी में, किरदारों की भीड़ में, जिनका औचित्य पहले भाग में समझ में नहीं आता।
अश्वस्थामा और भैरवा के हाई ऑक्टेन एक्शन सीक्वेंस हों या फिर कॉम्प्लेक्स और शांभला की सेनाओं के बीच की भिड़ंत, सब कुछ चमत्कारिक है। रॉक्सी के रूप में दिशा पाटनी को भैरवा की लव इंट्रेस्ट के रूप में दर्शाया गया है, मगर आगे उनके चरित्र का कोई विकास नहीं होता। इतनी भव्य फिल्म के संगीत को और मधुर बनाया जा सकता था।
Kalki 2898 AD Review: सिनेमेटोग्राफर जोर्डजे स्टोजिलिकोविच ने प्रसंशनीय काम किया है। हालांकि, कई सवाल के जवाब नहीं मिल पाते हैं। शायद इसलिए भी कि निर्देशक इसके सीक्वल का इशारा करते हैं। हालांकि नाग अश्विन ने मॉडर्न सिनेमा टेक्नीक से जेनरेटेड विजुअल्स के जरिए माइथोलॉजी को जिस तरह डवलप किया है, उसके लिए तारीफ बनती है। फिल्म भावनात्मक रूप से कनेक्ट नहीं कर पाती, मगर भैरवा और बुज्जी की बॉन्डिंग काफी हद तक एंटरटेन जरूर करती है।
अभिनय और गेटअप की बात की जाए, तो महानायक अमिताभ बच्चन एक बार फिर साबित करते हैं कि उन्हें इंडस्ट्री का बिग बी क्यों कहा जाता है। उन्होंने अश्वत्थामा की भूमिका में प्राण फूंक दिए हैं। एक्शन दृश्यों में उनकी चपलता हुए दमखम साफ नजर आता है। वे फिल्म का मुख्य आकर्षण हैं। भैरवा के रूप में प्रभास के फैंस को ये शिकायत जरूर होगी कि उन्हें पर्दे पर कम स्क्रीन स्पेस क्यों मिला है? यहां प्रभास ने कॉमिडी के साथ-साथ हैरतअंगेज एक्शन पेश किया है, जिसमें वे कॉमिडी में नहीं जंचते, मगर हां, जब वे कर्ण के रूप में ट्रांसफॉर्म होते हैं, तो अपना प्रभाव जमाने में कामयाब रहते हैं। सुमति के रूप में दीपिका पादुकोण ने संयमित अभिनय किया है।
Never before in Indian Cinema
Great story writing and good execution with a lot of hard work @nagashwin7 inko decade yavadu touch and cross cheyaleru ninnu
So Proud
— Prabhas
(@veerasekhar2703) June 26, 2024