मुंबई: एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से बॉलीवुड में भाई भतीजावाद की प्रथा को लेकर बवाल मचा हुआ है। करण जौहर, सलमान खान सहित कई दिग्गज हस्तियों पर इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद चलाने का आरोप लग रहा है। वहीं इस मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर भी जंग लगातार जारी है। इसी कड़ी में फिल्म इंडस्ट्री में 20 साल का समय बिता चुके अभिषेक बच्चन ने अपने डेब्यू फिल्म पाने के लिए स्ट्रगल करने की बात कही है। अभिषेक ने कहा है कि उन्होंने काफी प्रड्यूसर्स और डायरेक्टर्स के चक्कर काटे लेकिन कुछ नहीं हो रहा था।
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अभिषेक बच्चन ने अपने अधिकारिक इंस्टाग्राम एकाउंट पर साल दर साल के हिसाब से स्ट्रगल और कामयाबी की कहानी बयां की है। अभिषेक ने लिखा है कि बहुत से लोगों को नहीं पता है कि साल 1998 में राकेश ओमप्रकाश मेहरा और मैं साथ में फिल्म करियर स्टार्ट करना चाहते थे। हम लोग साथ में एक फिल्म बनाने वाले थे जिसका नाम ‘समझौता एक्सप्रेस’ था। लेकिन हमारी बहुत कोशिशों के बावजूद कोई भी हमें लॉन्च करे को तैयार नहीं हुआ। मुझे याद नहीं है कि मैं कितने प्रड्यूसर्स और डायरेक्टर्स ने मिला और उनसे मुझे एक मौका देने की रिक्वेस्ट की थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका। हम दोनों दोस्त थे और फैसला किया था कि हम कुछ ऐसा तैयार करेंगे जिसे राकेश डायरेक्टर करेंगे और जिसमें मैं ऐक्टिंग कर सकूं और इस तरह ‘समझौता एक्सप्रेस’ लिखी गई थी।
उन्होंने आगे लिखा है कि हालांकि बाद में ‘समझौता एक्सप्रेस’ बनी ही नहीं लेकिन इसके लिए लिया गया अभिषेक का लुक जेपी दत्ता को पसंद आया और उन्होंने अभिषेक को ‘रिफ्यूजी’ में लीड रोल में कास्ट कर लिया। इसके बाद राकेश ने मेरे पिता के साथ फिल्म ‘अक्स’ बनाई और इसी बीच जेपी साहब ने मुझे समझौता एक्सप्रेस के लिए रखे गए लुक लंबे बालों और दाढ़ी में देख लिया। जेपी साहब उस समय ‘आखिरी मुगल’ बनाना चाहते थे। हालांकि उन्होंने ‘आखिरी मुगल’ तो कभी नहीं बनाई लेकिन ‘रिफ्यूजी’ बना ली।