Gadar 2 Movie Review: रंग लाई सनी देओल की मेहनत, गदर 2 देखकर फैंस का जोश हुआ हाई, जानें कैसी है मूवी

Gadar 2 Movie Review: गदर 2 को सिनेमाघर में देखते हुए आपको यह विश्वास करना पड़ेगा कि बीते ढाई दशक की यह सबसे असरकारी फिल्म है।

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  • Publish Date - August 11, 2023 / 10:06 PM IST,
    Updated On - August 11, 2023 / 10:06 PM IST

मुंबई : Gadar 2 Movie Review: गदर 2 को सिनेमाघर में देखते हुए आपको यह विश्वास करना पड़ेगा कि बीते ढाई दशक की यह सबसे असरकारी फिल्म है। दर्शकों के दिमाग पर जितना असर इसकी कहानी और किरदारों ने छोड़ा, वह कोई और फिल्म नहीं कर पाई। गदर 2 को देखते हुए दर्शकों का जोश आसमान पर पहुंचता है और हॉल कई बार नारों से गूंजता है। जिसमें हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद, वंदे मातरम से लेकर जय श्रीराम तक शामिल। पहले ही सीन से यह फिल्म दर्शक को अपने संग ठीक उसी समय और उन्हीं भावनाओं से जोड़ देती है, जहां बाईस साल पहले 2001 में छोड़ा था। यह निर्देशक अनिल शर्मा, राइटर शक्तिमान और फिल्म की स्टार जोड़ी सनी देओल-अमीषा पटेल की सफलता है। उत्तम सिंह के संगीत में सजे गदर के गाने दर्शक में पुरानी संवेदनाओं को फिर से नया कर देते हैं।

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ऐसी है फिल्म की कहानी

Gadar 2 Movie Review:  फिल्म में तारा सिंह (सनी देओल) और सकीना (अमीषा पटेल) के बेटे, जीते (उत्कर्ष शर्मा) को पाकिस्तानी लड़की, मुस्कान (सिमरत कौर) से प्यार हो जाता है। लेकिन इससे पहले कि उनकी प्रेम कहानी परवान चढ़े, जीते को पाकिस्तानी सेना बंदी बना लेती। तब तारा सिंह अपने बेटे को पाकिस्तानियों से छुड़ाने के एक बार फिर सीमा पार करता है। लेकिन इस बार मिशन आसान नहीं है क्योंकि पाकिस्तान में उसके लिए पुरानी नफरत है। पाकिस्तानियों से उसकी पुरानी दुश्मनी है। तारा सिंह पाकिस्तान से सकीना को लेकर हिंदुस्तान लौटा था। पाकिस्तानी सेना का प्रमुख हामिद इकबाल (मनीष वाधवा) इस बात को अभी तक नहीं भूला है कि तारा सिंह ने सकीना को ले जाते हुए उसके चालीस आदमियों को मौत की नींद में सुला दिया था।

इंटरवेल के बाद दिखा फुल एक्शन

शक्तिमान ने कहानी को कुछ सहज और कुछ रोचक ढंग से बुना है। तारा सिंह पाकिस्तान जाता है, लेकिन उसके वहां जाने के जो हालात यहां बनाए गए। वह रोमांचक हैं। साथ ही लेखक-निर्देशक ने कहानी में देशभक्ति को इस अंदाज में भरा कि दर्शकों का जोश फिल्म देखते हुए लगातार हाई रहता है। शुरुआती आधे-पौने घंटे में कहानी जमने में थोड़ा समय लेती है, लेकिन उसके बाद तेज गति से भागती है। हालांकि इंटरवेल से पहले लंबा दौर ऐसा आता है, जहां तारा सिंह पर्दे से गायब है और सनी की कमी खलती भी है। लेकिन दूसरे भाग में इसकी भरपाई हो जाती है। दूसरा हिस्सा पूरी तरह से देशभक्ति का जोश जगाने वाले डायलॉग और एक्शन से भरपूर है।

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दमदार है क्लाइमेक्स

Gadar 2 Movie Review:  फिल्म में पाकिस्तान सेना के साथ तारा सिंह और उसके बेटे की सीधी टक्कर है। बाप-बेटे के डायलॉग पाकिस्तान और उसकी सेना की धुलाई करते हैं। इस दौरान दर्शक लगातार नारे लगाते हुए सीटियां-तालियां बजाते हैं। फिल्म लगातार हर स्तर पर भारत को पाकिस्तान से बेहतर सिद्ध करती है। अनिल शर्मा ने पूरी फिल्म में खूबसूरती से गदर के छोटे-छोटे दृश्यों और संदर्भों का इस्तेमाल किया है। एक बार फिर यहां तारा सिंह और हैंडपंप आमने-सामने होते हैं। यह सीन देखते ही सिनेमाघर में गूंज उठने वाला शोर आप किसी और फिल्म में नहीं पाएंगे। फिल्म कई जगहों पर धड़कनें बढ़ा देती है. कई जगहों पर इमोशनल करती है। पारिवारिक और देशभक्ति, दोनों स्तरों पर कहानी का ग्राफ ऊपर उठता है। फिल्म का क्लाइमेक्स मजबूत है।

फिल्म की जान हैं सनी

तारा सिंह के रोल में सनी देयोल बहुत अच्छे लगे हैं। उनकी मेहनत फिर रंग लाई। जब भी वह पर्दे पर आते हैं तो दर्शक खुद को तालियां-सीटियां बजाने से रोक नहीं पाते। एक्शन दृश्यों में सनी आग उगलते हैं और भावनात्मक दृश्यों में भी जमते हैं। गदर के बाद सनी गदर 2 की भी जान हैं। उनके बगैर फिल्म की कल्पना असंभव है। उनके बेटे, जीते के रोल में उत्कर्ष शर्मा जमे हैं। मुस्कान के किरदार में सिमरत कौर खूबसूरत लगी हैं। लेकिन पाकिस्तानी सेना के प्रमुख के तौर पर मनीष वाधवा ने जबर्दस्त काम किया है. वह अपने किरदार से आतंकित करते हैं. वह अपने रोल में डूब गए हैं। सकीना के रूप में अमीषा पटेल भी अच्छी लगी हैं। बाकी एक्टरों ने भी अपनी-अपनी भूमिकाएं अच्छे ढंग से निभाई हैं।

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फिल्म में दिखा एक्शन और इमोशन

Gadar 2 Movie Review:  अनिल शर्मा का निर्देशन बहुत बढ़िया है। उन्होंने फिल्म पर पूरी पकड़ बनाए रखी है। उन्होंने इस दौर में सिनेमा का व्याकरण बदलने के बावजूद कोई नया प्रयोग नहीं किया और पारंपरिक अंदाज में ही कहानी कही। 1971 का दौर पर्दे उतारने में वह सफल हैं। एक्शन के साथ उन्होंने इमोशन का संतुलन साधे रखा और यह बात फिल्म को मजबूत बनाती है। फिल्म में गदरःएक प्रेम कथा के गानों का खुलकर इस्तेमाल हुआ है। कोरियोग्राफी में भी पुराने सिगनेचर स्टैप ही आजमाए गए हैं। बैकग्राउंड स्कोर बढ़िया है। गदर 2 दर्शक को भावनात्मक स्तर पर छूती है।इसलिए वह शुरुआत से ही इसे दिमाग की जगह दिल से देखता है. यही इसकी सफलता का राज है।

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