मुंबई । भारत कुमार के नाम से मशहूर मनोज कुमार आज 85 साल के हो चुके हैं। मनोज 70 और 80 के दशक के बड़े सुपरस्टार रहे। उनकी फिल्में देशभक्ति से ओत प्रोत होती थी। जिसे फैंस देखकर काफी भावुक हो जाते थे। आज के टाइम की पेट्रियोटिक फिल्में मनोज कुमार की पेट्रियोटिक फिल्मों के सामने कुछ नहीं हैं। बतौर मुख्य़ अभिनेता मनोज कुमार काफी सफल रहे। मनोज कुमार बॉलीवुड के सबसे सफल एक्टर और डायरेक्टर कहे जा सकते हैं। उन्होंने बतौर डायरेक्टर जितनी भी फिल्में बनाई वो बॉक्स ऑफिस में ब्लॉकबस्टर साबित हुई। मेन स्ट्रीम एक्टर से सफल डायरेक्टर बनने का कारनामा केवल भरत कुमार ने किया हैं।’
Read more : अब चलती ट्रेन में भी कर सकेंगे ये काम, यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रेलवे ने लिया बड़ा फैसला
फिरोज खान भी इसी कड़ी के एक्टर माने जाते हैं। इन दोनों स्टार्स के बाद कोई भी मुख्य़ अभिनेता बतौर डायरेक्टर सफल नहीं हो पाया। सनी देओल, आमिर खान, अजय देवगन ने प्रयास किया लेकिन उन्हें आज तक कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई। मनोज कुमार फिल्म शहीद की शूटिंग में बिजी थे। ऐसे में उन्होंने इसी बीच शहीद भगत सिंह के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उनकी मां अस्पताल में भर्ती थीं तब मनोज भी अस्पताल में ही जाकर उन्हें मिले। जब भगत सिंह की मां विद्यावती ने मनोज को देखा तब सीधे कहा कि ये तो मेरे भगत जैसा ही लग रहा है। फिर मनोज ने उनकी गोद में अपना सिर रख लिया।
Read more : दूसरे दिन रणबीर कपूर की फिल्म ने मांगा पानी, कमाई देख मेकर्स के उड़ जाए होश…
1965 को दौर था जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे। युद्ध जैसे ही खत्म हुआ तब लाल बहादुर शास्त्री ने मनोज कुमार से मुलाकात की और इस युद्ध के दौरान हुई परेशानियों पर एक फिल्म बनाने की बात कही। ये बात मनोज के मन में घर कर गई। फिर उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के नारा “जय जवान, जय किसान” से प्रेरित होकर फिल्म “उपकार” लिखी।
मनोज कुमार ने उपकार के बाद 9 और फिल्में लिखीं जिसमें रोटी, कपड़ा और मकान, मेरा नाम जोकर, पूरब और पश्चिम और क्रांति जैसी फिल्में शामिल हैं। उनकी लिखी लगभग सभी फिल्में हिट और सुपरहिट रही हैं।