नईदिल्ली। अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने को लेकर कहा कि जो अपनी पहचान नही बता रहे ऐसा करने से कई जिंदगियां खतरे में पड़ रही हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा ‘अगर सरकार ने कहा है लॉकडाउन तो इसका मतलब लॉकडाउन। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं, किस धर्म को मानते हैं। ऐसा न करने से आप अपनी जिंदगी से तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं और बहुत सारी जिंदगियों को भी खतरे में डाल रहे हैं।’
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गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में कोरोना संक्रमितों के मिलने से पूरे देश में हल्ला मच गया है। यहां मिले 24 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 441 संदिग्धों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। मरकज में शामिल लोग उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित देश के कई राज्यों में पहुंच चुके हैं। प्रशासन इनकी तलाश में जुटा है, ताकि इन्हें तुरंत क्वारंटीन किया जा सके। ऐसी लापरवाही पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
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जानकारी के अनुसार तमिलनाडु के 45 लोग जो दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए थे, उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वहीं विशाखापट्टनम में भी कोरोनो वायरस के चार नए मामलों की पुष्टि हुई है। प्रशासन ने बताया है कि ये चारों लोग निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए थे।
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गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि 21 मार्च तक, हजरत निजामुद्दीन मरकज में लगभग 1,746 लोग रहे थे। इनमें से 216 विदेशी और 1530 भारतीय थे। इसके अतिरिक्त लगभग 824 विदेशी 21 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में तबलीग गतिविधियां कर रहे थे। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने जानकारी दी है कि मौलाना साद और तबलीगी जमात के अन्य के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम 1897 और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत सरकारी निर्देशों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।