मुंबई । Actor Harish Kumar living a life of anonymity 90 के दशक में बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक स्टार आए। जिन्होंने अपनी शानदार अदायगी से दर्शकों के दिलों में विशेष जगह बनाई। आज हम आपको 90 के दशक के एक ऐसे एक्टर के बारें में बताने जा रहे है। जिन्होंने अपने कॉमिक टाइमिंग से गोविंदा जैसे बड़े स्टार को टक्कर कर दिया। लेकिन समय के अनुरुप अपने आप को ना ढाल पाने के कारण वे इंड्रस्ट्री से गायब हो गए।
Actor Harish Kumar living a life of anonymity हम जिस एक्टर के बारें में बात कर रहे है उनका नाम हरीश कुमार है। हरीश ने साल 1991 में करिश्मा कपूर की ‘प्रेम कैदी’ फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की। 90 के दशक में हरीश हिंदी फिल्मों के जानें माने स्टार रह चुके है। गोविंदा के साथ उनकी जुगलबंदी देखते ही बनती थी। हरीश ने हिंदी के साथ साथ तमिल, मलयाली और कन्नड़ फिल्मों में काम किया।
Actor Harish Kumar living a life of anonymity हरीश कुमार ने 15 साल की उम्र में बतौर लीड एक्टर काम किया। उनकी पहली फिल्म ‘डेज़ी’ जो मलयाली भाषा में बनी थी । 90 के दशक में अपनी एक्टिंग से ऑडियंस को एंटरटेन करने वाला एक्टर 2001 में आई ‘इंतकाम’ के बाद पर्दे से लगभग गायब हो गया। गोविंदा स्टारर फिल्म ‘नॉटी एट 40’ (2011) से उन्होंने वापसी की कोशिश की, लेकिन फिल्म फ्लॉप रही। आखिरी बार वे 2012 की सुपर फ्लॉप फिल्म ‘चार दिन की चांदनी’ में दिखाई दिए थे।
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