Diwali 2024: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, तीज-त्योहारों का विशेष महत्व होता है जिसे बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ऐसे में कुछ दिनों बाद दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। दिवाली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। जिसे लेकर बाजारों में भी रौनक देखने को मिल रही है। ऐसे में दिवाली के अवसर पर घरों और ऑफिसों को दीपों, लाइटों, फूलों और तोरण से सजाने के साथ ही रंगोली बनाना भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है। हिंदू धर्म में शुभ अवसरों पर रंगोली बनाना एक प्राचीन परंपरा है, जो विशेष रूप से दिवाली पर निभाई जाती है। इस परंपरा के पीछे कई मान्यताएं और धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं। तो चलिए जानते हैं दिवाली पर रंगोली बनाने के पीछे की मान्यताएं और इसका महत्व।
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि, रंगोली के रंगों से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। रंगों का उपयोग घर की सुंदरता को बढ़ाने के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाने में मदद करता है। रंगोली बनाते समय उपयोग किए गए रंग न केवल घर को सजाते हैं, बल्कि ये घर के सदस्यों के मन और मस्तिष्क पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसके साथ ही कहा जाता है कि, रंगोली देवी-देवताओं खासकर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बनाई जाती है। माना जाता है कि रंगोली बनाने से देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। रंगोली का न केवल धार्मिक महत्व है बल्कि यह कला और सुंदरता का भी प्रतीक है।
Diwali 2024: बता दें कि, दिवाली में रंगोली बनाने की मान्यता भगवान राम से जुड़ी हुई है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत के लिए रंगोली बनाई थी और दीप जलाए थे। इसलिए दिवाली पर दीप जलाने और रंगोली बनाने की परंपरा चली आ रही है। वहीं कहा जाता है कि, दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए लोग घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं। इससे मां लक्ष्मी का आगमन घर पर होता है और हमेशा उनकी कृपा बनी रहती है।