नई दिल्ली : Diwali Shubh Muhurat : दीपावली पर तीन शुभमुहूर्त में विशेष पूजा होगी। हालांकि सोमवार को भी अमावस्या रहेगी, लेकिन दीपावली का पर्व रविवार को ही मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य और भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी के प्रतीक मिश्र पुरी ने बताया कि 12 नवंबर की दोपहर 14.45 के बाद अमावस्या लग जायेगी। इस दिन तीन मुहूर्त में महा लक्ष्मी की पूजा के होंगे। प्रदोष काल 17.30 से 19.10 तक इस समय लक्ष्मी पूजा गणेश पूजन सर्वोत्तम होगा। इसमें अमृत की चोगड़िया होगी। दूसरा मुहूर्त निशीथ काल का होगा, जो रात्रि आठ बजे से 11 बजे तक होगा। इसमें कनक धारा मंत्र का जाप लक्ष्मी की विशेष पूजा, उलूख पूजा होगी। आखरी मुहूर्त महा निशीथ काल का होगा जो को 11 बजे से मध्य रात्रि 2 बजे तक रहेगा। इसमें तंत्र की साधना विशेष फल दाई होगी।
Diwali Shubh Muhurat : 1. दिवाली पूजा पर सफाई महत्वपूर्ण है। घर को अच्छी तरह से साफ कर गंगाजल छिड़कना चाहिए। घरों को दीपलरी, मोमबत्ती से रोशन तथा रंगोली, फूलों की माला, केला व अशोक के पत्तों से तोरण द्वार बनाते हैं।
2. पूजा स्थल पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं। बीच में कुछ दाने रखें। चांदी या कांसे के कलश में पानी रखें। कलश में सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर पांच आम के पत्ते एक घेरे में रखें।
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Diwali Shubh Muhurat : 3. कलश के दाहिनी ओर दक्षिण-पश्चिम दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो तथा बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें। छोटी थाली पर चावल का छोटी सी चपटी आकृति बनाएं। उस पर हल्दी से कमल का फूल डिजाइन करें, कुछ पैसे डालें तथा मूर्ति के सामने रख दें।
4. अपनी अकाउंट बुक, धन व बिजनेस से संबंधित अन्य वस्तुए मूर्ति के सामने रखें। तिलक लगाएं, फूल चढ़ाएं और मूर्तियों के सामने दीया जलाएं। अपनी हथेली में फूल रखें और आंखें बंद करके मंत्र का जाप करें। फूल को गणेश और लक्ष्मी को भेंट करें।
Diwali Shubh Muhurat : 5. लक्ष्मी की मूर्ति को जल स्नान के रूप में पंचामृत अर्पित करें। देवी को मिठाई, हल्दी, कुमकुम चढ़ाएं और माला पहनाएं। अगरबत्ती या धूप जलाएं। फिर नारियल, सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएं। मां लक्ष्मी की आरती करें। घंटी बजाएं।
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