Diwali 2023: भोपाल। धन की देवी लक्ष्मी का सिंहासन कमल का फूल भी अब धोखाधडी का शिकार हो रहा है। बाज़ार मे फूलों की दुकानों मे कमल के फूल के नाम पर हूबहू कमल की तरह ही दिखने वाला गोदूल का फूल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। दीपावली पर लक्ष्मी की पूजा के साथ साथ कमल के फूल की भी पूजा की जाती है। लेकिन लोग अनजाने ही कमल की जगह गौदूल को पूज रहे हैं। जिनकी पूजा का कोई फल नहीं मिलता।
Diwali 2023: दीपावली का दिन यानि धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का दिन इस दिन लक्ष्मी मां के साथ साथ लक्ष्मी के वाहन उल्लू और उनके सिंहासन कमल के फूल की भी पूजा की जाती है। पुराणों मे लक्ष्मी की पूजा के साथ साथ कमल की पूजा करना और फिर उस कमल के फूल को घर मे रखने का विशेष महत्व है। इस दिन कमल की पूजा से मनचाही मुराद पूरी होती है। लेकिन अब यही फूलों का राजा कमल भी धोखेवाज़ी का शिकार हो रहा है। दीपावली की पूजा के मद्देनज़र आज के दिन मार्केट मे कमल की भारी मांग होने से फूलों की दुकानों पर कमल के नाम पर नकली कमल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। जी हां बाहर से हूबहू कमल की तरह ही दिखने वाला लाल रंग का यह फूल, कमल नहीं बल्कि गोदूल का फूल है। कमल की भारी मांग के चलते फूल विक्रेता इन नकली गोदूल के फूलों को कमल बताकर लोगों के विश्वास और आस्था से सरेआम धोखाधडी कर रहे हैं।
Diwali 2023: दरअलस गोदूल और कमल दोनों ही पानी मे ऊगते हैं। और दोनों ही देखने मे बाहर से एक जैसे ही होते हैं। लेकिन कमल की उपज कम होने और और भोपाल के तालाबों में गोदूल आसानी से मिलने की वजह से कमल के फूल की जगह गोदूल का फूल कमल बताकर बेचा जा रहा है। कमल और गोदूल के दामों मे भी चार गुना अंतर है। जहां गोदूल का फूल 10 से 20 रूपये मे बिक रहा है। वहीं असली कमल के फूल का भाव 50 से 100 रूपये है। यही वजह है कि दुकानदार कमल के नाम पर डुप्लीकेट फूल यानि गोदूल का फूल बेच रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ लोग भी अनजाने ही गोदूल को कमल समझकर उन्हें पूजा के लिए खरीद रहे हैं।
Diwali 2023: पुराणों मे उल्लेख है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी की पूजा के साथ साथ कमल की पूजा करने से मनचाही मुराद पूरी होती है। लेकिन जानकारों के मुताबिक कमल की बजाय अगर कोई जानबूझकर या अनजाने मे ही गोदूल या दूसरे फूलों की पूजा करता है। तो उसे कोई लाभ नहीं मिलता और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की उसकी सारी कमानाएं बेकार हो जाती हैं।
Diwali 2023: अब सवाल यह है कि कमल और गोदूल मे असली और नकली की पहचान कैंसे की जाए। हम आपको बताते हैं इस धोखाधड़ी से बचने के उपाय। दरअसल कमल और गोदूल बाहर से तो देखने मे एक जैसे ही होते हैं। लेकिन इन दोनों फूलों की सच्चाई का राज़ इनके भीतर छिपा होता है। असली कमल के भीतर एक पीले रंग की गोल छतरीगुना टोपी होती है। जिसे कमल आसनी भी कहा जाता है। इस कमलआसनी के उपर काले रंग की कई बिंदिंया होती हैं। जबकि गौदूल के फूल की पंखुडियों के भीतर सिर्फ लाल रंग और काले की डंडियां ही होती हैं। और यही पहचान होती है असली कमल और नकली गोदूल की अब आप होशियार हो जाइए। और इन बातों को ध्यान मे रखकर ही खरीदिए अपनी पूजा का कमल। नहीं तो नकली कमल बेचने वाले यह दुकानदार आपके विश्वास के साथ साथ आपकी आस्था को भी खंडित कर देंगे।
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