Narak Chaturdashi ke Upay: कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को प्रदोष काल में छोटी दिवाली मनाते हैं और यम का दीपक जलाते हैं। आज के दिन यमराज की पूजा की जाती है। दिवाली से एक दिन पहले यम की पूजा के लिए यम चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इसे रूप चौदस भी कहा जाता है। नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन रात के समय में काली चौदस और हनुमान पूजा करते हैं। इस दिन किए गए विशेष उपाय कई संकटों से मुक्ति दिलाती है..
तेल मालिश कर स्नान
आज नरक चतुर्दशी के दिन सबसे पहले तेल मालिश करके स्नान करें। पुराणों में बताया गया है कि चतुर्दशी को लक्ष्मी जी तेल में और गंगा सभी जल में निवास करती हैं। लिहाजा आज तेल मालिश करके स्नान करने पर मां लक्ष्मी के साथ गंगा मैय्या का भी आशीर्वाद मिलता है और व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है। कुछ जगहों पर तेल स्नान से पहले उबटन लगाने की भी परंपरा है।
तिल के तेल के 14 दीपक जलाएं
नरक चतुर्दशी के दिन अपने घर की सफाई जरूर करनी चाहिए। घर की सफाई के साथ ही अपने रूप और सौन्दर्य प्राप्ति के लिए भी शरीर पर उबटन लगा कर स्नान करना चाहिए। इस दिन रात को तेल अथवा तिल के तेल के 14 दीपक जलाने की परम्परा है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चौदस, रूप चतुर्दशी अथवा छोटी दीवाली के रूप में मनाई जाती है। इसके अलावा आज नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय नरकासुर के निमित्त चार दीपक जलाने की परंपरा है। ये दीपक दक्षिण दिशा में जलाये जाने चाहिए।
काली मिर्च के ये उपाय
नरक चतुर्दशी पर काली मिर्च के पांच दाने लेकर व्यापार स्थल पर जाएं। फिर उन्हें हाथ में लेकर व्यापार स्थल के 11 चक्कर लगा दें। काली मिर्च चौराहें पर जाकर फेंक दें। इस बात का ध्यान रखें कि जब आप चौराहे से लौट रहे होते हैं, तो पीछे मुड़कर न देखें। इस उपाय को करने से व्यापार को जो नजर लगी है वह दूर हो जाएगी।
कालिका मां और भगवान कृष्ण की पूजा
नरक चतुर्दशी को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माता कालिका की पूजा करने से दुख मिट जाते हैं। नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।