Narak Chaturdashi 2023: हिंदू धर्म में तीज-त्योहारों का विशेष महत्व होता है। आज दिवाली का पहला दिन धनतेरस है। आज के दिन भगवान धमवंतरी की आराधना की जाती है। वहीं, दूरा दिन नरक चौदस का होता है। इस दिन यम देव की पूजा का विधान है। नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली, रूप चौदस जैसे कई नामों से जाना जाता है। इस साल यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी 12 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की विशेष आराधना की जाती है। माना जाता है की इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर यम देव बेहद प्रसन्ना होते हैं। आइए जानते हैं पूजन विधि, मुहूर्त…
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नरक चौदस आरती
धर्मराज कर सिद्ध काज, प्रभु मैं शरणागत हूँ तेरी ।
पड़ी नाव मझदार भंवर में, पार करो, न करो देरी ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥
धर्मलोक के तुम स्वामी, श्री यमराज कहलाते हो ।
जों जों प्राणी कर्म करत हैं, तुम सब लिखते जाते हो ॥
अंत समय में सब ही को, तुम दूत भेज बुलाते हो ।
पाप पुण्य का सारा लेखा, उनको बांच सुनते हो ॥
भुगताते हो प्राणिन को तुम, लख चौरासी की फेरी ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥
चित्रगुप्त हैं लेखक तुम्हारे, फुर्ती से लिखने वाले ।
अलग अगल से सब जीवों का, लेखा जोखा लेने वाले ॥
पापी जन को पकड़ बुलाते, नरको में ढाने वाले ।
बुरे काम करने वालो को, खूब सजा देने वाले ॥
कोई नही बच पाता न, याय निति ऐसी तेरी ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥
दूत भयंकर तेरे स्वामी, बड़े बड़े दर जाते हैं ।
पापी जन तो जिन्हें देखते ही, भय से थर्राते हैं ॥
बांध गले में रस्सी वे, पापी जन को ले जाते हैं ।
चाबुक मार लाते, जरा रहम नहीं मन में लाते हैं ॥
नरक कुंड भुगताते उनको, नहीं मिलती जिसमें सेरी ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥
धर्मी जन को धर्मराज, तुम खुद ही लेने आते हो ।
सादर ले जाकर उनको तुम, स्वर्ग धाम पहुचाते हो ॥
जों जन पाप कपट से डरकर, तेरी भक्ति करते हैं ।
नर्क यातना कभी ना करते, भवसागर तरते हैं ॥
कपिल मोहन पर कृपा करिये, जपता हूँ तेरी माला ॥
॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥