Narak Chaturdashi 2022: 300 साल पुराना दुनिया का एकमात्र यमराज मंदिर, नरक चौदस पर होती है विशेष पूजा-अर्चना

Narak Chaturdashi Yamraj temple 2022: 300 years old world's only Yamraj temple 300 साल पुराना दुनिया का एकमात्र यमराज मंदिर

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  • Publish Date - October 23, 2022 / 04:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 12:53 AM IST

Narak Chaturdashi Yamraj temple 2022: ग्वालियर। आज नरक चौदस है। धार्मिक मान्यता के अनुसार आज के दिन की यमराज की पूजा की जाती है। आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे की दुनियाभर में यमराज( Yamraj temple)का सिर्फ एक मंदिर है। यह मंदिर ग्वालियर में बना है। यहां दीपावली के ठीक एक दिन पहले यमराज की पूजा की जाती है, उनकी मूर्ति का अभिषेक किया जाता है। इसके साथ ही यमराज से अंतिम दौर में कष्ट ना देने की मन्नत मांगी जाती है।

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Narak Chaturdashi Yamraj temple 2022: ग्वालियर शहर के बीचोंबीच फूलबाग पर मारकंडेश्वर मंदिर में यमराज की मूर्ति है। इसकी नरक चौदस के दिन पूजा की जाती है। यमराज की मूर्ति की स्थापना सिंधिया वंश के राजाओं ने लगभग 300 साल पहले करवाई थी। इस मूर्ति की आज के दिन पूजा-अर्चना कर लोग आखिरी समय में कष्टों से मुक्ति की मन्नत मांगते हैं। इस पूजा के पीछे एक पौराणिक कथा है।

माना जाता है कि यमराज ने शिव भगवान की तपस्या की थी। इसके फलस्वरूप भगवान शिव ने प्रसन्न होकर यमराज को एक वरदान दिया था।

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इसलिए की जाती है यमराज की पूजा
Narak Chaturdashi Yamraj temple 2022: कथा के अनुसार यमराज को भगवान शिव ने वरदान दिया था कि आज से तुम हमारे गण माने जाओगे। दिवाली से एक दिन पहले नरक चौदस पर जो भी तुम्हारी पूजा-अर्चना और अभिषेक करेगा उसे सांसारिक कर्म से मुक्ति मिलने के बाद उसकी आत्मा को कम यातनाएं सहनी होंगी। इसके साथ ही उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी। तभी से नरक चौदस पर यमराज की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हर साल यहां दूर-दूर से श्रृद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं।

 

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