Narak Chaturdashi 2022: देश के विभिन्न राज्यों में यह पर्व विभिन्न तरीके से मनाया जाता है। यह पर्व सभी राज्यों में 5 दिनों तक चलता है। दीपावली के दौरान घर की साफ-सफाई करना, नए वस्त्र और बर्तन खरीदना, पारंपरिक व्यंजन बनाना, रंगोली बनाना, मिठाइयां बांटना, पटाखे छोड़ना और लक्ष्मी पूजा करना यह परंपरा सभी राज्यों में लगभग एक सी हैं। इनमें फर्क है तो बस पारंपरिक व्यजनों के स्वाद का वस्त्रों और पूजा विधि का। यहां आपको आज उन शहरों की दिवाली के बारे में बताएंगे जहां की दिवाली मशहूर है और जिसे देखने लोग दूर- दूर से आते हैं।
उत्तर प्रदेश
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस पर्व की शुरुआत अयोध्या से ही हुई इसलिए हम सबसे यहां की बात करेंगे। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दिवाली का उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस खास मौके पर सरयू तट स्थित राम की पैड़ी तक दीप सजाए जाते हैं। यहां पर दिवाली के दिन भगवान राम, लक्ष्मण और देवी सीता की पूजा भी विधि विधान से होती है और देवी लक्ष्मी और गणपति की पूजा भी। इस दिन पूरा शहर दीप और लाइटों से जगमगा उठता है।
गुजरात
Narak Chaturdashi 2022: गुजरात में दिवाली मानने का तरीका थोड़ा अलग है। दिवाली के अगले दिन गुजराती नव वर्ष दिवस, बेस्टु वरस मनाते हैं और इस दिन नया कार्य करना शुभ मानते हैं। उत्सव की शुरुआत वाग बरस से होती है, उसके बाद धनतेरस, काली चौदश, दिवाली, बेस्टु वरस और भाई बिज आते हैं. विभिन्न राज्यों में दिवाली की रात में काजल लगाया जाता है लेकिन गुजरात में लोग अगली सुबह दीए से बना हुआ काजल लगाते हैं। यहां मुख्य रूप से ज्यादातर महिलाएं ही काजल लगाती हैं जिसे एक शुभ प्रथा के रूप में माना जाता है।
पश्चिम बंगाल
इस दिन बंगाल में काली जी श्यामा पूजा की जाती है। इस दिन बंगाल में स्थित दक्षिणेश्वर और कालीघाट मंदिर में दूर-दूर से लोग मां काली की पूजा करने के लिए आते हैं। काली पूजा से एक रात पहले या दिवाली की रात यहां के लोग रात में अपने घरों पर और मंदिरों में 14 दीए जलाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 14 दीए जलाने से बुरी शक्तियों का नाश होता है। इस दिन पर भूत चतुर्दशी अनुष्ठान करते हैं।
बिहार और झारखंड
यहां दिवाली के मौके पर होली जैसा माहौल होता है। इस दिन यहां पारंपरिक गीत, नृत्य और पूजा का प्रचलन है। ज्यादातर जगहों पर मां काली की पूजा-अर्चना की जाती है। इस मौके पर लोग यहां एक-दूसरे से गले मिलते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और पूरे उत्साह के साथ यह त्योहार मनाते हैं।
तमिलनाडु
यहां पर दीपावली से 1 दिन पूर्व मनाए जाने वाले नरक चतुर्दशी का विशेष महत्व है। उत्तर भारत में दीपावली 5 दिनों तक चलता है लेकिन दक्षिण भारत में यह पर्व सिर्फ 2 दिन का ही मनाया जाता है। इस मौके पर यहां दीपक जलाया जाता है और रंगोली बनाई जाती है। नरक चतुर्दशी पर यहां पारंपरिक स्नान करने का विशेष महत्व है।
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