नई दिल्ली। हर साल दीपावली के दूसरे दिन गोर्वधन पूजा की जाती है। लेकिन इस साल ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा। सूर्यग्रहण के चलते दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं की जाएगी। जिसके कारण इस बार गोर्वधन पूजा 26 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। भगवान श्री कृष्ण द्वारा इंद्र देव को परास्त किए जाने के उपलक्ष्य में गोवर्धन पूजा की जाती है। इसे अन्नकूट के नाम से भी भी जाना जाता है। इस दिन किसान विभिन्न प्रकार के व्यंजन और पारंपिक पकवान बनाकर भगवान कृष्ण को अर्पित की जाती हैं।
गोर्वधन पूजा मुहूर्त
इस साल 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो रही है। ये तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।
गोवर्धन पूजा का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण के द्वारा ही सर्वप्रथम गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई गई थी और गोवर्धन पर्वत तो अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज वासियों और पशु-पक्षियों की रक्षा की थी। यही कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है। इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना जाता है।
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गोवर्धन पूजा नियम और विधि
गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन बनाकर उसे फूलों से सजाया जाता है। पूजा के दौरान गोवर्धन पर धूप, नैवेद्य, दीप फूल और फल आदि चढ़ाए जाते हैं। इस दिन गोबर से गोवर्धन जी को लेटे हुए पुरुष के रूप में बनाया जाता है। नाभि की जगह पर मिट्टी का दीया रखा जाता है। इस दीपक में दूध,दही, गंगाजल, शहद और बताशे आदि डाले जाते हैं। फिर इसे बाद में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। पूजा करने के बाद गोवर्धन जी की सात बार परिक्रमा लगाई जाती है। परिक्रमा के वक्त हाथ में लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए परिक्रमा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी की जाती है। इस मौके पर मशीनों और कारखानों की पूजा की जाती है।