Bhai Dooj 2023 Katha: आज देशभर में भाईदूज का त्योहार मनाया जा रहा है। बता दे कि प्रत्यके वर्ष कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर बहनें भाई की लंबी उम्र के लिए यमराज की पूजा करती हैं ताकि उनके भाई को जीवन में सफलता मिले और उनकी उम्र लंबी बनी रहे। भाई दूज मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। आईए जानते हैं…
कथा के अनुसार सूर्यदेव की पत्नी का नाम छाया था और उन्हीं से यमराज और यमुना का जन्म हुआ। यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्रेम करते थे लेकिन काम की व्यस्तता के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते थे। वहीं, यमुना बार-बार अपने भाई से अपने यहां आने का निमंत्रण देती थीं। एक बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया को उन्होंने अपने भाई से घर पर आने का वचन ले लिया। यमराज जाने में इसलिए संकोच करते थे कि वह तो लोगों के प्राणों को हरने वाले हैं, उनके जाने से विपरीत असर पड़ेगा किंतु इस बार बहन यमुना की बात को नहीं टाल सके, क्योंकि वचन दे चुके थे।
जब यम देव अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे तो उन्हें देखकर यमुना खुशी से प्रफुल्लित हो उठीं। जिसके बाद भाव विभोर होकर यमुना ने अपने भाई के लिए तरह-तरह व्यंजन बनाए और उनका आदर सत्कार किया। अपने प्रति बहन का इतना प्रेम देखकर यमराज को अत्यंत प्रसन्नता हुई। उन्होंने यमुना को खूब सारी भेंट दीं। साथ ही यम देव ने वर मांगने को कहा। इस पर यमुना ने कहा भाई, आप हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मेरे घर आकर भोजन किया करें। यमराज ने भी उन्हें तथास्तु कहते हुए रत्न, वस्त्र आदि ढेर सारे उपहार भेंट में दिए।
यमुना नदी में स्नान करने की मान्यता
माना जाता है कि जो भी भाई इस दिन यमुना नदी में स्नान करके अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार करता है और अपनी बहन से तिलक करवाता है, उसे यम का भय नहीं रहता है। यदि भाई-बहन इस दिन पवित्र नदी यमुना में स्नान करते हैं, तो उन्हें लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, IBC24 किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें।)