मनोज तिवारी ने की अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश, कहा ‘मेरा ट्वीट संभाल कर आप लोग रखे होंगे, अब उसे रखे ही रहिए’

मनोज तिवारी ने की अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश, कहा 'मेरा ट्वीट संभाल कर आप लोग रखे होंगे, अब उसे रखे ही रहिए'

  •  
  • Publish Date - February 12, 2020 / 10:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

नईदिल्ली। दिल्ली में बीजेपी की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है। लेकिन बीजेपी आलाकमान ने मनोज तिवारी को पद पर बने रहने के लिए कहा है। मनोज तिवारी ने दिल्ली में 48 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन बीजेपी को मात्र 8 सीटें मिली है। अब संगठन चुनाव के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होगी।

ये भी पढ़ें: दिल्ली विधानसभा चुनाव : चांदनी चौक से कांग्रेस प्रत्याशी अलका की लांबा बड़ी हार , जब्त हुई जमानत

बता दें कि हार के बाद ही मनोज तिवारी ने जिम्मेदारी ली थी और कहा था कि मेरा सीना तैयार है, चुनाव परिणाम के दिन मनोज तिवारी तो दोपहर तक आश्वस्त थे कि बीजेपी को बहुमत मिल जाएगा, जैसे-जैसे दिन ढला, उनके हौसला कम होता गया। आखिरकार उन्होंने हार कबूल की, केजरीवाल को बधाइयां दीं, फिर भी सोशल मीडिया पर वो जमकर ट्रोल हुए।

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी और राहुल गांधी ने दी केजरीवाल को बधाई, जवाब में केजरीवाल ने कहा ‘साथ मिलकर काम करने के लिए इच्छुक हूं’

इससे पहले 8 फरवरी के मतदान के बाद जब एग्जिट पोल आए तो पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के पक्ष में थे, लेकिन मनोज तिवारी अड़े थे कि बीजेपी 48 सीटें जीतेगी, उन्होंने ट्वीट किया था, ‘ये सभी एक्जिट पोल होंगे फेल, मेरा ये ट्वीट संभालकर रखिएगा। भाजपा दिल्ली में 48 सीट लेकर सरकार बनाएगी, कृपया ईवीएम को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूंढें।’

ये भी पढ़ें: ‘दिल्ली वालों आपने गजब कर दिया.. आई लव यू’

इस पर मनोज तिवारी ने कहा था, ‘मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं और हमारा एक आंतरिक सर्वे होता है। प्रदेश अध्यक्ष को यह थोड़ी बोलना चाहिए कि हम पहले ही हार गए। कोई ऐसा नहीं बोलेगा और जब तक रिजल्ट न आ जाए किसी को ऐसा कहना भी नहीं चाहिए। जिसका वोट 4 प्रतिशत आया, उसे भी नहीं बोलना चाहिए, उसे भी बढ़िया से लड़ाई लड़नी चाहिए। मेरा अनुमान गलत सिद्ध हुआ।’

ये भी पढ़ें: जीत के बाद मंदिर से लौट रहे विधायक के काफिले पर फायरिंग, 1 कार्यकर्ता की मौत 1 घायल

मनोज तिवारी ने कहा, ‘मैंने जो सोचा था उसका आधार था कि लगभग 48 विधानसभा क्षेत्रों में सड़कों की बुरी स्थिति है, स्कूल की अच्छी व्यवस्था नहीं है, वहां पानी लगा रहता है। इस आधार पर हमने कल्पना की थी कि इन इलाके के लोग किसी को नई जिम्मेदारी देंगे। हमारी सोच पूरी नहीं हुई। हमने जो ट्वीट किया था उसे संभाल कर आप लोग रखे होंगे, अब उसे रखे ही रहिए।’