तबले, ताल और राग में बसती थी ज़ाकिर हुसैन की सांसें : हरिप्रसाद चौरसिया

तबले, ताल और राग में बसती थी ज़ाकिर हुसैन की सांसें : हरिप्रसाद चौरसिया

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  • Publish Date - December 16, 2024 / 05:52 PM IST,
    Updated On - December 16, 2024 / 05:52 PM IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) प्रसिद्ध बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया को अब भी महान तबला वादक ज़ाकिर हुसैन के इस दुनिया को अलविदा कह जाने की खबर पर यकीन नहीं हो रहा है। वह अपने आप से सवाल कर रहे हैं कि कोई इतनी कम उम्र में कैसे जा सकता है और वह भी ऐसा शख्स जिसकी सांसें ही केवल तबले, ताल और राग में बसती थीं।

हरिप्रसाद चौरसिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मैं इस खबर पर यकीन ही नहीं कर सकता। हर कोई इस बारे में बात कर रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि यह सब झूठ है। कैसे यकीन करूं कि परमात्मा ने उन्हें इतनी जल्दी बुला लिया या कि वह बीमार थे। मैं तो इसके बारे में सोच भी नहीं सकता।’’

हुसैन का अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक अस्पताल में निधन हो गया। हुसैन की मृत्यु फेफड़े संबंधी समस्या ‘इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस’ से उत्पन्न जटिलताओं के कारण हुई। वह 73 वर्ष के थे।

ज़ाकिर हुसैन ने कई संगीत परियोजनाओं पर चौरसिया के साथ जुलगबंदी की थी, जिनमें 1999 में आया ‘रिमेम्बरिंग शक्ति’ एलबम भी था।

छियासी वर्षीय बांसुरी वादक ने कहा, ‘‘ अगर ये खबर सही भी है, तो इतनी कम उम्र में ऐसा कैसे हो सकता है, उन्होंने ऐसा क्या किया था? मैंने कभी उन्हें शराब पीते या कुछ भी गलत खाते पीते नहीं देखा था। वह केवल तबले, ताल और रागों के लिए जीते थे।’’

नौ मार्च 1951 को महान तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के घर जन्मे ज़ाकिर हुसैन को अपनी पीढ़ी के महानतम तबला वादकों में से एक माना जाता था।

फरवरी में, हुसैन 66वें वार्षिक ग्रैमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम, सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रदर्शन और सर्वश्रेष्ठ समकालीन वाद्य एल्बम के लिए तीन ग्रैमी पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारत के पहले संगीतकार बने।

हुसैन ने 2024 के ग्रैमी में ‘फ्यूजन म्युजिक ग्रुप’ ‘शक्ति’ के तहत ‘‘दिस मोमेंट’’ के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम का अपना पहला खिताब हासिल किया, जिसमें संस्थापक सदस्य ब्रिटिश गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन, साथ ही गायक शंकर महादेवन, वायलिन वादक गणेश राजगोपालन और तालवादक सेल्वागणेश विनायकराम शामिल हैं।

भाषा नरेश

नरेश दिलीप

दिलीप