बजट में आंध्र प्रदेश को लेकर जो दावें किए जा रहे, उनकी हकीकत कु्छ अलग ही है : वाईएसआरसीपी

बजट में आंध्र प्रदेश को लेकर जो दावें किए जा रहे, उनकी हकीकत कु्छ अलग ही है : वाईएसआरसीपी

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  • Publish Date - July 25, 2024 / 06:25 PM IST,
    Updated On - July 25, 2024 / 06:25 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) वाईआरएस कांग्रेस पार्टी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि बजट में आंध्र प्रदेश को बहुत कुछ दिए जाने की लोक लुभावन तस्वीर पेश की जा रही है लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।

उच्च सदन में आम बजट 2024-25 और जम्मू कश्मीर के बजट पर संयुक्त चर्चा में भाग लेते हुए वाईआरएस कांग्रेस पार्टी के डॉ वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि बजट में आंध्र प्रदेश को 48 लाख करोड़ रुपये दे दिए गए और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के सभी सदस्य भी इस बात से सहमत हैं।

उन्होंने कहा ‘‘लेकिन वास्तविकता कुछ और है। 53 हजार करोड़ रुपये के ऋण की व्यवस्था राज्य के लिए की जाएगी। ऋण का ब्याज सहित भुगतान आंध्र प्रदेश सरकार ही करेगी। फिर सोचिये कि आंध्र प्रदेश को क्या मिला है ?’’

रेड्डी ने कहा ‘‘मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू जादूगर बन गए हैं और ऐसा जता रहे हैं मानों आंध्र प्रदेश को समस्त संसाधन मिल गए।’’

उन्होंने कहा ‘‘2022-23 में राज्य के लिए आवंटन 541 करोड़ था जिसे बढ़ा कर इस बार 1160 करोड़ रुपये कर दिया गया है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। पिछले 50 दिन में राज्य में आए दिन अपराध हो रहे हैं, लक्षित हमले हो रहे हैं, लक्षित हत्या हो रही है। ’’

उन्होंने कहा कि भारतीय प्रेस परिषद के लिए आवंटन 15 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि वह सोशल मीडिया पर सक्रिय निहित स्वार्थी समूहों से तथा पीत पत्रकारिता से निपट सके।

संसद के दोनों सदनों में 2024-25 के बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान, विभिन्न विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर उसके प्रमुख सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) को रियायतें देने का आरोप लगाया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार को अपने गठबंधन सहयोगियों से कोई बाधा न हो।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हाल ही में संपन्न आम चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी। बिहार की जनता दल (यूनाइटेड) और आंध्र प्रदेश की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के समर्थन से यह सरकार बनी है। दोनों दल लंबे समय से अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष दर्जे की मांग करते रहे हैं।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्य ने कहा ‘‘अवसंरचना के मामले में बिहार को जो कुछ दिया गया, उसे लेकर हमें कुछ नहीं कहना है लेकिन आंध्र प्रदेश के लिए अवसंरचना को लेकर बजट में स्पष्टता नहीं है।’’

पोलावरम परियोजना का जिक्र करते हुए रेड्डी ने कहा कि इसकी समीक्षा के बाद लागत क्या होगी, इस बारे में बजट में कुछ नहीं कहा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल आयोग की मंजूरी के बाद 55 हजार करोड़ रुपये आंध्र प्रदेश को दिए जाने थे जिसके बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

उन्होंने कहा ‘‘इस परियोजना के विधेयक का मसौदा मेरे मित्र, कांग्रेस के जयराम रमेश ने तैयार किया था।’’

इस पर रमेश ने कहा कि मसौदे में स्पष्ट लिखा है कि पोलावरम परियोजना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होगी लेकिन बाद में आंध्र प्रदेश में बनने वाली सरकारें इसका जिम्मा खुद लेती रहीं।

बजट चर्चा में हिस्सा ले रहे अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ एम थंबीदुरै ने कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट का विरोध करती रही है। उन्होंने नीट को कांग्रेस की देन बताते हुए कहा कि आज चिदंबरम कहते हैं कि शिक्षा को राज्य का विषय होना चाहिए।

थंबीदुरै ने कहा कि शिक्षा को राज्य की सूची से समवर्ती सूची में कांग्रेस ने डाला था। उन्होंने कहा कि 1976 से पूर्व शिक्षा राज्यों का उत्तरदायित्व थी, लेकिन 1976 में संविधान संशोधन कर शिक्षा को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में डाल दिया गया।

उनकी इस टिप्पणी के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया।

थंबीदुरै ने नीट को खत्म करने और शिक्षा को राज्य सूची में शामिल किए जाने की मांग की।

भाजपा के डॉ भगवत कराड ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए कर्ज गारंटी योजना लाएगी जिसके तहत बिना किसी जमानत या तीसरे पक्ष की गारंटी के सावधि ऋण की सुविधा मिल सकेगी।

उन्होंने कहा कि यह कदम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत ऋण सीमा दोगुनी यानी 20 लाख रुपये किये जाने से लघु उद्यमियों को बेहद मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को ‘इंटर्नशिप’ के अवसर देने के लिए योजना शुरू की जाएगी जिससे युवाओं को लाभ होगा।

भाषा मनीषा माधव

माधव