World Environment Day: नई दिल्ली, 05 जून 2022। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दिल्ली में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शामिल पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं, भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब क्लाइमेंट चेंज में भारत की भूमिका न के बराबर है। विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन भी उन्ही के द्वारा किया जा रहा है।
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World Environment Day: मोदी ने कहा कि मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है।
पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं।
दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग Soil Organic Matter कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं।
तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं।
चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें।
पांचवा- वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।
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World Environment Day: पीएम मोदी ने कहा कि पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है।
इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड (soil health card) देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया। हम कैच द रेन (catch the rain) जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं।
इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है, इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज बायोडायवर्सिटी (Biodiversity) और वाइल्ड लाइफ (Wildlife) से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है, आज चाहे टाइगर हो, लॉयन हो, लैपर्ड हो या फिर एलिफैंट, सभी की संख्या देश में बढ़ रही है।
पीएम ने कहा कि इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे। इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने अपनी installed Power Generation capacity का 40 परसेंट non-fossil-fuel based sources से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था। ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया। आज भारत ने पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। आपको ये जानकर भी गर्व की अनुभूति होगी, कि भारत इस लक्ष्य पर तय समय से 5 महीने पहले पहुंच गया है।
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मिट्टी बचाओ अभियान का मुख्य मकसद हर देश पर नीतिगत सुधार के जरिये कृषि भूमि में कम से कम 3 से 6 प्रतिशत जैविक तत्व का होना जरूरी बनाए जाने के लिए दबाव डालना है। मृदा वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस न्यूनतम जैविक तत्व के बिना मिट्टी की मृत्यु निश्चित है। इस घटना को ‘मिट्टी का विलुप्त होना’ कहा जा रहा है।
भारत में कृषि भूमि में औसत जैविक तत्व 0.68 प्रतिशत होने का अनुमान है, इस कारण मरुस्थलीकरण होने का बड़ा खतरा है। देश की लगभग 30 प्रतिशत उपजाऊ मिट्टी बंजर हो गई है और उपज देने में नाकाबिल है।
ऐसा अनुमान है कि दुनिया भर में उपजाऊ जमीन का लगभग 25 प्रतिशत रेगिस्तान बन गया है, संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि इस दर से मिट्टी के खराब होने से धरती का 90 प्रतिशत 2050 तक रेगिस्तान में बदल जाएगा जिसमें बस 30 साल बचे हैं।