सिर्फ महिलाओं के लिए सरकार की ये खास योजना, खाते में आएंगे 5 हजार रुपए, जानें कैसे उठाएं लाभ…

Women will get 5 thousand rupees installment in PMMVY केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) 2.0 लागू कर दी है।

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  • Publish Date - May 14, 2023 / 01:20 PM IST,
    Updated On - May 14, 2023 / 01:20 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) 2.0 लागू कर दी है। इस योजना का मकसद गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं की सेहत में सुधार करना है। इसके साथ ही महिलाओं को आर्थिक प्रोत्साहन के जरिए कुपोषण के असर को कम करना है।

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जानें योजना के बारे में ये खास जानकारी

वहीं मेडिकल ट्रीटमेंट और दवा खर्च से जुड़े फाइनेंशियल समस्याओं को भी कम करना है। यह योजना गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए सरकार की ओर से चलाई जाती है। इस योजना के तहत इन महिलाओं के अकाउंट में हर साल 5000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं। यह 5000 रुपये तीन किश्तों में दिए जाते हैं।

ऐसे मिलती है पहली किस्त

प्रेगनेंट महिला को इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन के समय 1,000 रुपये की पहली किस्त दी जाती है। छठे महीने के कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कराने के बाद 2,000 रुपये की दूसरी किस्त दी जाती है। आखिरी में बच्चे के जन्म के रजिस्ट्रेशन के बाद 2,000 रुपये की तीसरी किस्त दी जाती है।

जानें किन महिलाओं को मिल सकता है फायदा

इस योजना का वो महिलाएं फायदा उठा सकता हैं, जो दैनिक वेतनमान पर काम कर रही हैं। इसके अलावा जिन महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हैं। वो अप्लाई कर सकती हैं। इस योजना का मुख्य मकसद गर्भावस्था के दौरान मजदूरी में हुए नुकसान को कम करना है।

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अप्लाई करते समय आय प्रमाण पत्र लगाना होता है। ताकि महिला की फाइनेंशियल स्थिति का वेरिफिकेशन किया जा सके। इस योजना का फायदा उन महिलाओं को नहीं मिलता है, जो किसी भी केंद्रीय या फिर राज्य सरकार के उपक्रम से जुड़ी हुई हैं। इस आर्थिक मदद के मिलने से गर्भवती महिलाओं को आराम करने का समय मिल जाता है।

मातृ स्वास्थ्य पर प्रभाव

PMMVY पहल का भारत में मातृ स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ा है। इससे गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट और देखभाल की सुविधा मिलती है। जिससे कुपोषण में कमी आई है। इसके अलावा इस योजना के जरिए वित्तीय प्रोत्साहनों ने गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों पर वित्तीय दबाव में कमी आई है।

 

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