उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पेंशन में असमानता पर समाधान निकालने के इच्छुक: न्यायालय

उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पेंशन में असमानता पर समाधान निकालने के इच्छुक: न्यायालय

  •  
  • Publish Date - January 23, 2025 / 06:20 PM IST,
    Updated On - January 23, 2025 / 06:20 PM IST

नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को पेंशन देने में असमानता के मुद्दे पर समाधान तलाशने को इच्छुक है।

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि वह हमेशा के लिए इस मुद्दे का निस्तारण चाहती है।

उसने कहा, ‘‘हम शुरू से यह बात कहते आ रहे हैं कि हम समाधान तलाशने के इच्छुक हैं, ना कि कानून बनाने के।’’

शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को अलग-अलग पेंशन दिए जाने के मुद्दे को उठाने वाली याचिकाओं पर दलीलें सुनीं।

शीर्ष अदालत के समक्ष उजागर किए गए प्रमुख कारणों में से एक यह था कि जिला न्यायपालिका से पदोन्नत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नई पेंशन योजना के अंतर्गत आते थे।

हालांकि, बार से उच्च न्यायालय में पदोन्नत होने वाले लोग पुरानी पेंशन योजना के लाभार्थी थे, जिससे उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के दो वर्गों को देय पेंशन में अंतर पैदा हो गया।

पीठ ने बृहस्पतिवार को अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा, ‘‘हम जानते हैं कि जब आप वहां हैं, तो यह सब हल हो जाएगा।’’

पीठ ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को पेंशन में एकरूपता पर विचार-विमर्श किया। उसने कहा, ‘‘हम इन मुद्दों को हमेशा के लिए सुलझाना चाहते हैं।’’

मामले में दलीलें 28 जनवरी को भी सुनी जाएंगी।

दिसंबर 2024 में, शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह ‘दयनीय’ है कि उच्च न्यायालय के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को 10,000 रुपये से 15,000 रुपये के बीच पेंशन मिल रही है।

उसने अधिकारियों से ‘कानूनी दृष्टिकोण’ अपनाने के बजाय ‘मानवीय दृष्टिकोण’ अपनाने को कहा। पीठ ने कहा कि इस मामले का फैसला व्यक्तिगत मामलों के आधार पर नहीं किया जाएगा और शीर्ष अदालत जो भी आदेश देगी, वह सभी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर लागू होगा।

शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी हैरानी जताई थी कि उच्च न्यायालयों के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को 6,000 रुपये से लेकर 15,000 रुपये के बीच मामूली पेंशन मिल रही है।

पिछले साल मार्च में एक अलग याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के पेंशन लाभ की गणना में इस आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है कि वे बार या जिला न्यायपालिका से पदोन्नत हुए हैं।

पीठ ने कहा कि जिला न्यायपालिका से पदोन्नत उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के पेंशन लाभ की गणना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनके अंतिम वेतन के आधार पर की जानी चाहिए।

भाषा वैभव माधव

माधव