नई दिल्ली: Hathras Stampede यूपी में हाथरस में हुए भगदड़ को 24 घंटे बीत चुके हैं। इस बीच भोले बाबा का पहला बयान आया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के जरिए लिखित बयान जारी किया और कहा कि असामाजिक तत्वों ने भगड़ मचाई। इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा। इससे पहले सीएम योगी मामले में एक्शन में दिखे, और जांच के लिए SIT का गठन किया। जो हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में जांच करेगी। लेकिन अभी भी कई ऐसे सवाल हैं, जो हाथरस त्रासदी के बाद उठ रहे है।
उत्तरप्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में दिखे। आप समझ सकते हैं कि सीएम योगी इस घटना को लेकर कितने संवेदनशील हैं। घटनास्थल के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री अस्पताल पहुंच कर घायलों से मुलाकात की और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए।
सीएम भले न्यायिक जांच की बात कर रहे हैं, लेकिन सवाल है कि आखिर ऐसे हादसों के बाद ही जिम्मेदार क्यों जागते हैं। सत्संग और ऐसे आयोजन को लेकर प्रशासन सख्त क्यों नहीं है। अगर पुलिस-प्रशासन घटनास्थल पर सही वक्त पर पहुंचता तो, हो सकता था कि, समय पर इलाज मिलने से कुछ लोगों की जान बच जाती। खैर ये तो इंतजाम की बात हो गई, लेकिन हादसे के बाद कार्रवाई को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि अभी तक सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम FIR में नहीं है और आयोजनकर्ताओं पर कार्रवाई कब होगी।
इसका जवाब भी फिलहाल किसी के पास नहीं है। क्योंकि जो FIR हुआ है उसके मुताबिक प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख के करीब लोग पहंचे। भगदड़ हुई तो सेवादार गेट पर खड़े हो गए, और लोगों को रोक दिया। इसके बाद भीड़ खेतों की तरफ भीड़ मुड़ गई, और नीचे बैठे श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई, प्रशासन और सेवादार खड़े होकर देखते रहे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बिना किसी का नाम लिए उन लोगों पर भी निशाना साधा। जो मामले में राजनीति कर रहे हैं। दरअसल हादसे के तुरंत बाद अखिलेश यादव ने हादसे के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।
हाथरस में हुए हादसे के बाद देश मे शोक का माहौल है और कई संत अपनी कथा और आयोजन रद्द कर रहे हैं। मध्यप्रदेश मे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपील की है कि 4 जुलाई को उनका जन्मदिन मनाने के लिए आश्रम न आएं। तो विदिशा में पंडित प्रदीप मिश्रा ने चल रही कथा को बारिश की वजह से ऐहतियातन रद्द कर दिया।
कुल मिलाकर हाथरस में जो कुछ हुआ। उससे 100 से ज्यादा परिवार दर्द में है, कि उनका कोई अपना साथ छोड़कर उनसे हमेशा के लिए दूर चला गया। उनकी मौत की वजह हादसा था या साजिश ये तो जांच के बाद ही साफ हो सकेगा। लेकिन यहां सवाल ये कि हाथरस जैसे हादसों से हमारा सिस्टम आखिर कब सबक लेगा। क्या दोषियों को उनकी सजा मिलेगी, ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो