नई दिल्ली: #SarkaronIBC24: अयोध्या के बाद, अबूधाबी में भव्य मंदिर। विश्व भर की नजरें और मोदी की मौजूदगी क्या ये महज संयोग है या फिर सिद्ध सियासी प्रयोग ऐसा प्रयोग जिसके सहारे बीजेपी 24 में जीत की हैट्रिक लगाने के प्लान पर आगे बढ़ रही है। यानी हिंदुत्व के रथ पर सवार मोदी ने अबकी बार 400 पार, तीसरी बार मोदी सरकार का नारा बुलंद कर रही है। अहम सवाल ये भी कि बीजेपी के प्लान का INDI गठबंधन के पास क्या जवाब है?
#SarkaronIBC24: चौबीस के चौसर की बिसात बिछ चुकी है और बीजेपी ने जिस नारे के साथ चुनावी बिगुल बजाया है। वो है अबकी बार 400 पार तीसरी बार मोदी सरकार अगर ये नारा सच में बदलता है तो देश के राजनीतिक इतिहास में ये दूसरी बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री लगातार तीन बार जीत की हैट्रिक लगाएंगे। इससे पहले, 1951-52, 1957 और 1962 के आम चुनावों में पंडित जवाहर लाल नेहरू लगातार तीन चुनाव जीत कर प्रधानमंत्री बने थे। 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने वाले पीएम मोदी 2024 में अपनी हैट्रिक को लेकर पूरी तरह कॉन्फिडेंट हैं
प्रधानमंत्री मोदी खुद बार-बार कहते रहे हैं कि मोदी है तो मुमकिन है और वोटर्स उनके दावे को सच साबित करते रहे हैं। इसमें किसी को कोई शक नहीं कि 2014 से 2024 के 10 साल के दौरान पीएम मोदी पहले से कहीं ज्यादा मज़बूत बन कर सामने आए हैं। BJP ने मोदी के चेहरे पर 2014 में 31 फीसदी वोट शेयर के साथ 282 लोकसभा सीटें जीती थीं। यानी अपने दम बहुमत और 2019 में वोट शेयर और सीट दोनों में छलांग लगाती हुई 37 फीसदी वोटों के साथ 303 सीटें जीत ली थी।
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2014 और 2019 दोनों ही आम चुनाव BJP ने नरेन्द्र मोदी के नाम पर जीते और अपने दम बहुमत भी हासिल किया। इसके बावजूद NDA के अपने सहयोगी दलों को BJP ने मोदी कैबिनेट में शामिल किया। अब जब चुनाव नजदीक है। तो बीजेपी वो सारे दांवपेंच आजमा रही है। जिसके सहारे वो हैट्रिक लगा सके।
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चुनाव से ऐन पहले अलग-अलग फील्ड और समाज से आने वाले 5 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान देकर, मोदी सरकार ने एक साथ कई सियासी समीकरण को साधा। फिर पहले बिहार में नीतीश कुमार, यूपी में जयंत चौधरी और फिर महाराष्ट्र में अशोक चह्वान को अपने पाले में लाकर बीजेपी ने इंडी गठबंधन को जबदरस्त झटका दिया। इन सबके बावजूद बीजेपी को मोदी की गारंटी पर सबसे ज्यादा भरोसा है।
एक ओर बीजेपी मोदी की गारंटी के सहारे चुनाव मैदान में उतरी है। तो दूसरी तरफ इंडी गठबंधन को झटके पर झटका लग रहा है..बसपा पहले ही किसी गठबंधन का हिस्सा बनने से इनकार कर चुकी हैं..तो केजरीवाल और ममता बनर्जी भी अपने सीट बंटवारे पर अपना रूख स्पष्ट कर चुके हैं। यानी कांग्रेस की अगुवाई में बनी इंडिया गठबंधन को उसके साथी छोड़े जा रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस अपना ही कुनबा नहीं संभाल पा रहा.. ऐसे में वो गठबंधन को कैसे संभाल पाएगी। ये बड़ा सवाल है। हालांकि गठबंधन के नेताओँ को पूरा भरोसा है कि मोदी सरकार को उखाड़ फेकेंगे।
अब बारी 2024 की है और श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के बाद जो देश का माहौल बना हुआ है, उसमें मोदी लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचे नज़र आ रहे हैं, दक्षिण भारत में उनकी बढ़ी सक्रियता पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ने के संकल्प को मज़बूत बनाते नज़र आ रहे हैं..तो दूसरी तरफ मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए बनी इंडी गठबंधन एकजुट होने से पहले ही बिखरी-बिखरी सी नजर आ रही है।