Big Picture with RKM: बलात्कार जैसे मामलों पर क्यों मची है देश में सियासत?.. नेताओं की असंवेदनशीलता से पीड़िता को कितना नुकसान? देखें इस डर्टी पॉलिटिक्स पर बिग पिक्चर

यह पूरी मानसिकता से नेता आखिर क्या दर्शाना चाहते है? यही कि अगर जब कोई पार्टी का नेता ऐसे जघन्य अपराध में पकड़ा जाएं तो पहले उसका बचाव करों और अगर बचाव न कर पाओ तो उससे पल्ला झाड़ लो।

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  • Publish Date - August 13, 2024 / 11:44 PM IST,
    Updated On - August 13, 2024 / 11:46 PM IST

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Big Picture with RKM: रायपुर: कुछ मसलों पर देश में राजनीति नहीं होनी चाहिए खासकर बलात्कार जैसे मामलों में बिलकुल नहीं। लेकिन इसके उलट हम देखते है कि जिन मामलों में महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए इसके उलट उन्ही मसलों पर जमकर सियासत की जाती है। यह दुर्भाग्यजनक हैं।

Why is there politics on rape cases in the country?

बात अगर हम कोलकाता रेप कांड की करें तो यहां जूनियर डॉक्टर के साथ पहले बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया और फिर जघन्य तरीके से उसे मौत के घाट उतार दिया गया। मृतका का पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़कर किसी के भी रौंगटे खड़े हो जायेंगे। इस पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि अगर रविवार तक इस मामले में पुलिस को किसी तरह की सफलता नहीं मिलती तो वह इसे सीबीआई को सौंप देंगी। हालांकि इस पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने दखल दिया और आज ही इस मामले को केंद्रीय जाँच एजेंसी के हवाले कर दिया। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि इस पूरे प्रकरण से जुड़े जो भी दस्तावेज हैं वह बुधवार 14 अगस्त की सुबह 10 बजे तक सीबीआई को सौंप दें। इस प्रकरण में एक आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन समझा जा रहा है कि इसमें और भी आरोपी लिप्त हो सकते है। पश्चिम बंगाल में इस केस में भाजपा और टीएमसी के बीच जमकर सियासी बयानबाजी हो रहा है।

नवाब यादव पर सपा-भाजपा में रार

लेकिन इससे अलग बात अगर उत्तर प्रदेश की करें तो यहां एक अलग ही राजनीति जारी हैं। पुलिस ने कन्नौज से एक शख्स को नाबालिक के साथ रेप की कोशिश के आरोप में हिरासत में लिया है। इस मामले में बताया जा रहा है कि आरोपी कोई और नहीं बल्कि समजवादी पार्टी का बड़ा नेता हैं। इतना ही नहीं बल्कि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते आरोपी नवाब सिंह यादव को मिनी सीएम कहा जाता था। इस मामले में एक तरफ भाजपा सपा पर हमलावर हैं तो दूसरी तरफ सपा का दावा हैं कि नवाब सिंह यादव भाजपा के सम्पर्क में हैं। इस तरह कन्नौज में नवाब सिंह को लेकर जमकर सियासत मचा हुआ है। पूरा विवाद इस बात पर आकर थम गया हैं कि आखिर नवाब सिंह किस पार्टी से जुड़े हुए हैं जबकि इस मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात हर पार्टी और हर नेता की तरफ से की जानी चाहिए थी।

क्या हर आरोपी का हो डीएनए जांच?

बात अयोध्या की करें तो यह रेप के आरोपी को क्षेत्रीय सांसद का करीबी बताया जा रहा है। इस मामले में सपा का कहना है कि आरोपी की डीएनए जांच होनी चाहिए। तो समाजवादी पार्टी क्या यह कहना चाहती हैं कि हर रेप के आरोपी का डीएनए जाँच किया जाना चाहिए या फिर साक्ष्य के आधार पर आरोपी के खिलाफ होनी चाहिए? गौरतलब हैं कि समाजवादी वही पार्टी हैं जिनके नेता का बयान था कि लड़के है और लड़को से गलती हो जाती है।

पीड़िता के अधिकारों का क्या?

अब यह पूरी मानसिकता से नेता आखिर क्या दर्शाना चाहते है? यही कि अगर जब कोई पार्टी का नेता ऐसे जघन्य अपराध में पकड़ा जाएं तो पहले उसका बचाव करों और अगर बचाव न कर पाओ तो उससे पल्ला झाड़ लो। जबकि जरूरत हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ एक सुर में सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की जानी चाहिए। हम जानते हैं कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश के 10 सीटों पर उपचुनाव हैं तो यह पूरी राजनीति भी इस वजह से की जा रही है। लेकिन इन सबका खामियाजा उस पीड़िता को भुगतना पड़ता हैं। उसकी निजता और गोपनीयता भंग होती है। इसे उसके अधिकारों का हनन होता है। न्याय से जुड़े अधिकारी से भी पीड़िता वंचित रह जाती है। तो हम कहना चाहते हैं कि जघन्य अपराधों पर कतई सियासत नहीं होनी चाहिए बल्कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिल सके और समाज में एक सन्देश जा सके यह प्रयास होना चाहिए।

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