Why is the change in Waqf being opposed? : नई दिल्ली। संसद में आज संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ बिल पेश किया है। इस कांग्रेस और सपा के सांसदों ने आपत्ति दर्ज कराई है, आइए जानते हैं इस बिल से जुड़ी ये खास बातें।
विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ संशोधन पहली बार सदन में पेश नहीं किया गया है। आजादी के बाद सबसे पहले 1954 में यह विधेयक लाया गया। इसके बाद कई संशोधन किए गए।” रिजिजू ने कहा कि व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद यह संशोधन विधेयक लाया गया है, जिससे मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय बनी सच्चर समिति और एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का उल्लेख किया और कहा कि इनकी सिफारिशों के आधार पर यह विधेयक लाया गया।
विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान और संघवाद पर हमला है तथा अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया। क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है। फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों की जा रही है?” वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी आप मुस्लिम पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई पर करेंगे, उसके बाद जैन पर करेंगे।”
वक्फ संशोधन विधेयक का AIMIM चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला है। वक्फ संशोधन बिल मनमाना और भेदभावपूर्ण है। वहीं NCP-SCP सांसद सुप्रिया सुले ने विधेयक का विरोध करते हुए लोकसभा में पेश करने से पहले इसे स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की। सुले ने कहा कि विधेयक को अधिक सिफारिशों के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए या एक संयुक्त संसदीय समिति बनाई जानी चाहिए। वहीं कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक का विरोध किया है।
Why is the change in Waqf being opposed? संसद में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने वक्फ बिल का समर्थन किया है। विपक्ष पर पलटवार करते हुए ललन सिंह ने कहा कि ये बिल मुसलमान विरोधी नहीं है। मंदिर की बात कहां से आ गई। कोई भी संस्था जब निरंकुश होगी तो सरकार उस पर अंकुश लगाने के लिए, पारदर्शिता के लिए कानून बनाएगी। ये उसका अधिकार है। पारदर्शिता होनी चाहिए और ये बिल पारदर्शिता के लिए है। उन्होंने कहा कि ये अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, सिखों का कत्लेआम किसने किया था।