सड़क पर कचरा डालने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करायी गयी : उच्च न्यायालय

सड़क पर कचरा डालने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करायी गयी : उच्च न्यायालय

सड़क पर कचरा डालने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करायी गयी : उच्च न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 pm IST
Published Date: February 2, 2021 10:36 am IST

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) से पूछा कि मॉडल टाउन इलाके में सड़कों पर कचरा फेंकने वालों के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज करायी गयी।

उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में आरोप लगाया गया कि तीन सप्ताह से हड़ताल कर रहे सफाई कर्मचारी आवासीय इलाके, बाजारों और सड़कों पर कचरा फेंक रहे हैं।

न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने निर्देश दिया कि यदि हड़ताल खत्म नहीं होती है और कचरा संग्रहण का काम शुरू नहीं किया गया तो निगम के संबंधित उपायुक्त शुक्रवार को मामले की सुनवाई में मौजूद रहेंगे।

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अदाल ने कहा, ‘‘अगर हड़ताल खत्म हो जाती है और काम शुरू हो जाता है तो उन्हें सुनवाई में हिस्सा लेने की जरूरत नहीं होगी।’’ साथ ही कहा कि निगम को मॉडल टाउन में सड़कों पर कचरा डालने की समस्या के समाधान के साथ आना चाहिए।

सुनवाई के दौरान अदालत ने निगम से पूछा, ‘‘सड़कों पर कचरा डालने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करवायी गयी? आप इस बारे में क्या कर रहे हैं?’’

अदालत ने आगाह किया कि अगर निगम जल्द कोई कदम नहीं उठाता है तो मॉउल टाउन के निवासी निगम के अधिकारियों के कार्यालय के बाहर और सड़कों पर कचरा फेंकने लगेंगे।

अदालत ‘फेडरेशन ऑफ मॉडल टाउन एसोसिएशन’ की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने दलील दी थी कि निगम के सफाई कर्मचारी जानबूझकर तीन सप्ताह से काम से गैर हाजिर हैं और कचरा हटाने का काम नहीं कर रहे हैं तथा कर्मचारियों ने कचरा भरे ट्रक से आवासीय इलाके, बाजारों और सड़कों पर कचरा फेंक दिया।

भाषा आशीष रंजन

रंजन


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