Leap Year 2024: फरवरी में ही क्यों होते है कम दिन? जानिए क्या है इसके पीछे की वजह और इतिहास

Leap Year 2024: साल 2024 का दूसरा महीना आज खत्म हो जाएगा। जिसके बाद कल से मार्च का महीना शुरू हो जाएगा। फरवरी महीना इस बार 29 दिनों का रहा।

Leap Year 2024: फरवरी में ही क्यों होते है कम दिन? जानिए क्या है इसके पीछे की वजह और इतिहास
Modified Date: February 29, 2024 / 10:26 am IST
Published Date: February 29, 2024 10:10 am IST

नई दिल्ली: Leap Year 2024 साल 2024 का दूसरा महीना आज खत्म हो जाएगा। जिसके बाद कल से मार्च का महीना शुरू हो जाएगा। फरवरी महीना इस बार 29 दिनों का रहा। यानी इस साल 365 की जगह 366 दिन होंगे। ये तो सभी जानते हैं कि चार साल में एक बार फरवरी 29 दिनों का होता है। इसे लीप ईयर कहा जाता है। यानी चार साल में एक बार एक्स्ट्रा दिन फरवरी में जुड़ जाता है। ले​किन क्या आप जानते हैं चार साल में एक बार ​ही क्यों आता है।

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Leap Year 2024 अक्सर फरवरी 28 दिनों का होता है। लेकिन चार साल में एक बार 29 दिनों का होता है। अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि आखिर चार साल में ही क्यों फरवरी माह 29 दिनों का होता है। यहां हम बता रहे हैं कि हर 4 साल में एक बार फरवरी में 29 दिन क्यों होते हैं? ये एक एक्स्ट्रा तारीख क्यों जरूरी है?

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Why does February 29 come only once in four years?

सूर्य और पृथ्वी से जुड़ा है इसका इतिहास

दरअसल, हमारी पृथ्वी सूर्य की चक्कर लगाता है। जिसमें 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड का समय लगता है। इस तरह से हर साल 0.25 जुड़ते जुड़ते चार साल में एक पूरा दिन बन जाता है। इसी एक्स्ट्रा दिन को 29 फरवरी के रूप में कैलेंडर में जोड़ा गया है। इस लिए चार साल में एक बार फरवरी का माह 29 दिनों का होता है।

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फरवरी में ही क्यों जुड़ता है एक दिन?

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से दिसंबर का माह साल का आखिरी महीना माना जाता है। लेकिन जूलियन कैलेंडर में फरवरी का महीना आखिरी माना जाता है। इसी वजह से एक अतिरिक्त दिन फरवरी के महीने में ही जोड़ा जाता था।


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