नयी दिल्ली: Bipin Rawat helicopter crash पिछले साल आठ दिसंबर को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर ‘ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ ने सौंपे गए अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में कहा है कि मौसम में अप्रत्याशित ढंग से बदलाव के कारण पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। भारतीय वायुसेना ने यह जानकारी दी। तमिलनाडु में कुन्नूर के निकट हुए इस हादसे में देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य की मृत्यु हो गई थी।
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Bipin Rawat helicopter crash वायुसेना ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘आठ दिसंबर, 2021 को एमआई-17 वी5 दुर्घटना में ‘ट्राई सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष सौंपे हैं।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज किया गया है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘दुर्घटना घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश का परिणाम थी। इससे पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ, जिसके परिणामस्वरूप ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन (सीएफआईटी)’ या हादसा हो गया।’’
अमेरिकी विमानन नियामक एफएए के अनुसार, सीएफआईटी को इलाके- जमीन, पहाड़, जल निकाय या कोई बाधा के साथ अनजाने में टकराव के रूप में परिभाषित किया गया है जबकि एक विमान सकारात्मक नियंत्रण में है। भारतीय वायुसेना ने कहा कि जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ के अलावा ‘फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ और ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर’ का विश्लेषण किया।
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इस हादसे में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के स्टॉफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और पायलट ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह दुर्घटना में मारे गए 13 अन्य लोगों में शामिल थे। सरकार ने अभी तक एक नए सीडीएस की नियुक्ति नहीं की है। दुर्घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की अध्यक्षता एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह कर रहे थे। एयर मार्शल सिंह, वर्तमान में भारतीय वायुसेना के बेंगलुरु-मुख्यालय प्रशिक्षण कमान का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रशिक्षण कमान की बागडोर संभालने से पहले, एयर मार्शल वायु मुख्यालय में महानिदेशक (निरीक्षण और सुरक्षा) थे और उन्होंने पद पर रहते हुए उड़ान सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रोटोकॉल विकसित किए।
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