Who will take over his legacy after Ratan Tata? मुंबई: टाटा संस के संस्थापक रतन टाटा और देश के सबसे दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। स्वास्थ्यगत कारणों से उन्हें हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा को 21 साल की उम्र में ऑटो से लेकर स्टील तक के कारोबार से जुड़े समूह, टाटा समूह का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया था। चेयरमैन बनने के बाद रतन टाटा ने टाटा समूह को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया था। टाटा समूह की स्थापना रतन टाटा के परदादा जमशेद जी टाटा ने 1868 में मुंबई में की थी। रतन टाटा ने 2012 तक समूह का नेतृत्व किया।
कौन संभालेगा टाटा की कमान?
Who will take over his legacy after Ratan Tata? : रतन टाटा के निधन के बाद अब सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर रतन टाटा के अरबों की विरासत किसे सौंपी जाएगी और कौन उनके इस सफर को आगे ले जाएगा। ऐसे में माया टाटा का नाम तेजी से सामने आ रहा है।
कौन है माया टाटा?
Who will take over his legacy after Ratan Tata? : मीडिया में छपी ख़बरों के मुताबिक़ माया टाटा रतन टाटा के छोटे सौतेले भाई नोएल टाटा की बेटी और लैक्मे जैसी नामी-गिरामी कंपनी स्थापित करने वाली सिमोन टाटा की पोती हैं। सिमोन टाटा रतन टाटा के पिता नवल टाटा की वाइफ हैं। आजादी मिलने के बाद वह भारत घूमने आई थीं। 1960 के दशक में उनकी नवल टाटा के साथ शादी हो गई। नोएल टाटा नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं और उन्हीं की बेटी माया है।
Who will take over his legacy after Ratan Tata? : इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, माया टाटा का टाटा ग्रुप में कड़ी दिलचस्पी देखी जाती रही है। इतना ही नहीं बल्कि माया टाटा कंपनी के बोर्ड मीटिंग्स में भी शामिल होती रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था की खुद रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की कमान माया टाटा के हाथ में सौंपने की तैयारी शुरू कर दी थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि रतन टाटा के निशान के बाद अब समूचे टाटा कारोबार की कमान उन्हें ही सौंपी जा सकती है।
दिग्गज कारोबारी रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें तीन अलग-अलग ट्वीट कर सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि अर्पित किया है। उन्होंने लिखा, “श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का प्रिय बना लिया।
Who will take over his legacy after Ratan Tata? पीएम ने लिखा, श्री रतन टाटा जी के सबसे अनूठे पहलुओं में से एक बड़े सपने देखने और वापस देने के प्रति उनका जुनून था वह शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, पशु कल्याण जैसे प्रमुख मुद्दों में सबसे आगे थे।
अपने एक अन्य ट्ववीट पर उन्होंने लिखा, ‘मेरा मन श्री रतन टाटा जी के साथ अनगिनत बातचीत से भरा हुआ है, जब भी मैं गुजरात में होता था। हम विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करते थे। मैंने पाया कि जब मैं दिल्ली आया तो यह बातचीत जारी रही। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं। ॐ शांति
My mind is filled with countless interactions with Shri Ratan Tata Ji. I would meet him frequently in Gujarat when I was the CM. We would exchange views on diverse issues. I found his perspectives very enriching. These interactions continued when I came to Delhi. Extremely pained… pic.twitter.com/feBhAFUIom
— Narendra Modi (@narendramodi) October 9, 2024