IBC Pedia : IBC President Election Series : नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव का आगाज हो चुका है। ऐसे में सबकी जुबान पर सिर्फ एक ही नाम है कि अगला राष्ट्रपति कौन होगा? राष्ट्रपति जो कि देश का पहला नागरिक होता है, इस पद के लिए सख्त नियम कानून होते है। राष्ट्रपति पद के लिए सही उम्मीदवार कौन होगा? और किस क्षेत्र से होगा? ये सबके लिए बड़ा सवाल है। फिलहाल इसे लेकर सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर टिकी हैं। इसकी बड़ी वजह ये है कि बीजेपी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, और ज्यादातर राज्यों में उसकी सरकार है। ऐसे में वो अपने उम्मीदवार को बड़े आराम से राष्ट्रपति बनवा सकती है।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी जगत में कई नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन पीएम मोदी की राजनीति और कार्य शैली को नजदीक से जानने वालों का कहना है कि जो नाम मीडिया में आ गया, समझ लो कि उसका पत्ता साफ हो गया। इसलिए फिलहाल तो सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी नहीं पता कि उनकी तरफ से अगले राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होने वाला है।
बता दें देश के मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई में समाप्त होने वाला है। उन्होंने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी। अब इस तारीख से ठीक पहले देश के सांसदों और राज्यों के विधायकों को अपना 15 वां राष्ट्रपति चुनना है। बीजेपी के नेतृत्व वाला NDA कौन सा नया चेहरा पेश करता है, ये तो अगले कुछ दिनों में सबके सामने होगा।
सिनेमा जगत के शहंशाह यानी अमिताभ बच्चन को भला कौन नहीं जनता? लेकिन अमिताभ बच्चन के राजनीतिक करियर से बहुत कम लोग वाकिफ है। दरअसल, भारत के पूर्व प्रधनमंत्री राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन के प्रगाण रिश्तों से तो हर कोई वाकिफ है। माना जाता है कि अमिताभ की राजनीति में एंट्री की मुख्य वजह राजीव गांधी ही थे। राजीव गांधी ने ही सदी के महानायक को सियासी गलियारों में एंट्री करने के लिए प्रेरित किया था। जिसके बाद साल 1984 में अमिताभ कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे और भारी मतों में वोट हासिल किये। ऐसे में मौजूदा समय में रष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर अमिताभ बच्चन पर मुहर लगाई जा सकती है।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर फिल्म जगत के कई सितारों का नाम चर्चा में है। भारतीय अभिनेत्री, लेखिका, फिल्म-निदेशक, नृत्यांगना और राजनेता हेमा मालिनी का नाम भी इसमें शामिल हैं। ‘ड्रीमगर्ल’ नाम से प्रसिद्ध हैं हेमा मालिनी 2003 से 2009 तक भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में राज्यसभा के लिए चुनी गईं। मौजूदा समय में हेमा मालिनी मथुरा (उत्तर प्रदेश) से भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा की सांसद भी हैं। ऐसे में NDA हेमा मालिनी पर राष्ट्रपति चुनाव के लिए दांव खेल सकती है।
शेखर कपूर का नाम एक ऐसे फिल्म निर्देशक के रूप में शुमार किया जाता है जिन्होंने न सिर्फ बॉलीवुड में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी खास पहचान बनायी है। शेखर कपूर को साल 2000 में भारत के चौथे सबसे बड़े अवार्ड पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। हालांकि ये राजनीति में कुछ खास एक्टिव नहीं नहीं हैं, लेकिन इनकी पहचान और लोकप्रियता को देखते हुए राष्ट्रपति चुनाव के लिए इनके नाम के पत्ते भी खेल सकते हैं।
बॉलीवुड में अपनी कॉमेडी और एक्टिंग से अलग पहचान बनाने वाले अनुपम खेर का नाम भी इन दिनों चर्चा में शुमार है। अनुपम खेर के पिता पुष्कर नाथ एक कश्मीरी पंडित थे, वे पेशे से क्लर्क थे। 2016 में, अनुपम खेर ने अपनी कहानी एक न्यूज चैनल के डॉक्यूमेंटरी सीरीज में सुनाई,जो प्राचीन भारत से 19वीं शताब्दी की यात्रा का वर्णन करता है। इसके अलावा 2016 में उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। भारत के अलावा विदेश में भी अनुपम खेर ली लोकप्रियता कुछ कम नहीं हैं। यही कारण है की राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों की लिस्ट में उनका नाम शामिल किया गया है।
फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली बेहतरीन निर्देशन के लिए जाने जाते है। साल 2002 मे भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म देवदास उस समय की सबसे महंगी फिल्म थी। उस साल इस फिल्म ने 5 राष्ट्रीय पुरस्कार और 10 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे। इतना ही नहीं टाइम पत्रिका ने नई सदी के अब तक के सालों में बनी सर्वश्रेष्ठ दस फिल्मों में देवदास को आठवीं जगह दी है। फिल्मी करियर के अलावा राजनीतिक विवादों से भी इनका नाम नाता रहा है।
अपनी एक्टिंग और एक्शन के दम पर लोगों के दिलों में राज करने वाले रजनीकांत के नाम पर भी चुनावी दांव-पेंच खेले जा सकते है। राजनीति में रजनीकांत का इतिहास कुछ खास नहीं रहा। रजनीकांत तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव से राजनीति में कदम रखा था। इन्होनें अपनी एक स्वतंत्र पार्टी बनाई थी। जिसका नामा ऑल इंडिया मक्कल सेवा कक्षी (AIMSK) था। दक्षिण भारत के साथ-साथ बॉलीवुड में भी रजनीकांत काफी लोकप्रिय है। इसके साथ ही राजनीति से भी उनका पुराना नाता रहा है। जिसे देखते हुए इनपर राजनीति पार्टियां दांव लगा सकती है।
पद्म पुरस्कार से सम्मानित किसी महान शख्स को राष्ट्रपति के पद के लिए सियासी दल ऐलान कर सकते हैं। ऐसे में दक्षिण भारत की प्रसिद्ध गायिका कृष्णन नायर शांति कुमारी चित्रा (के. एस. चित्रा) जो कि एक पार्श्व गायिका है उनका नाम भी चर्चा में है। भारतीय शास्त्रीय संगीत, भक्ति और लोकप्रिय संगीत में इनकी खास रुचि है। इसके साथ ही उन्होंने मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, उड़िया, हिंदी, असमिया, बंगाली, बड़गा, संस्कृत, तुलु, उर्दू और पंजाबी गीतों के लिए आवाज दी है। के. एस. चित्रा को भारत सरकार के सबसे बड़ा पुरस्कार पद्म भूषण और पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चूका है।
कला के क्षेत्र की बात करें तो, आशा भोसले के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। आशा गणपतराव भोसले हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर पार्श्वगायिका हैं। लता मंगेशकर की छोटी बहन आशा ने फिल्मी और गैर फिल्मी लगभग 16 हजार गाने गाये हैं और इनकी आवाज़ के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। हिंदी के अलावा उन्होंने मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा के भी अनेक गीत गाए हैं। न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आशा भोसले की लोकप्रियता कम नहीं हैं। ऐसे में राष्ट्रपति के नाम लिए एक अच्छा चेहरा हो सकती हैं।
राष्ट्रपति के संभावित उम्मीदवारों के नाम में सुमित्रा महाजन के नाम को भी शामिल किया जा सकता है। सुमित्रा महाजन भारतीय राजनेत्री एवं भारत के सोलहवीं लोकसभा की अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही वे इस पद पर आसीन होने वाली भारत की दूसरी महिला हैं। वे भारत के इन्दौर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सोलहवीं लोक सभा में सांसद हैं। सुमित्रा महाजन इंदौर से लगातार वर्ष 1989,1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 एवं 2014 में आठवीं बार सांसद बनी। ऐसे में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए भाजपा इनके नाम पर मुहर लगा सकती है।
जैसा की सब जानते है NDA हमेशा चौकाने वाले फैसले लेती है। ऐसे में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए कला के क्षेत्र से डॉ. प्रभा अत्रे के नाम पर सोच-विचार जरुर करेगी। डॉ. प्रभा अत्रे भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका हैं। इसके साथ ही 2022 में इन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। ऐसे में आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कला के क्षेत्र से इस महान हस्ती पर दांव लगाया जा सकता है।