BJP National President Election || Image- IBC24 News File
When will BJP National President Election be held?: नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को एक साल पूरा होने वाला है और इसके बाद लगभग आधा दर्जन राज्यों में विधानसभा चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं। लेकिन अभी तक भाजपा अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं कर पाई है।
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भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा फिलहाल केंद्र सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। भाजपा के संविधान के अनुसार, कोई भी नेता एक समय में दो पदों पर नहीं रह सकता। इसलिए, लोकसभा चुनाव के बाद ही नए अध्यक्ष की घोषणा होनी थी, लेकिन अब तक इसमें देरी हो रही है।
When will BJP National President Election be held?: भाजपा में 10 महीने बीत जाने के बाद भी नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हुई, जिससे संगठन के भीतर भी सवाल उठने लगे हैं। आम लोगों और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच मतभेद हैं, जिसके कारण निर्णय में देरी हो रही है, या फिर इसके पीछे कोई रणनीति है?
भाजपा का कहना है कि नई नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, लेकिन इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ पदाधिकारी और संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने इस मुद्दे पर मीडिया से बात की। वह बेंगलुरु में हो रही अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में शामिल होने पहुंचे थे।
जब उनसे पूछा गया कि नए अध्यक्ष के चयन में देरी क्यों हो रही है और क्या भाजपा और RSS के बीच समन्वय में कोई कमी है, तो उन्होंने स्पष्ट किया, “हर संगठन स्वतंत्र है। संघ में 32 संगठन हैं। भाजपा और RSS के बीच कोई मतभेद नहीं है। सभी संगठनों के अध्यक्ष चुनने की अपनी प्रक्रिया होती है। भाजपा की प्रक्रिया भी जारी है और समय आने पर सबको जानकारी मिल जाएगी।”
When will BJP National President Election be held?: परिसीमन के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में अरुण कुमार ने कहा, “परिसीमन के लिए एक कानून बनता है। पहला परिसीमन अधिनियम 1972 में बना, फिर 2002 में एक नया परिसीमन अधिनियम आया। इसके बाद परिसीमन को फ्रीज कर दिया गया। सवाल यह है कि क्या अभी कोई नया अधिनियम आया है? यह एक अनावश्यक आशंका है, जिसे विपक्षी दल बेवजह उठा रहे हैं।”
विपक्षी दलों के परिसीमन के विरोध पर उन्होंने कहा, “इन दलों को समाज में अविश्वास पैदा करने से बचना चाहिए और सबको साथ लेकर चलने की सोच रखनी चाहिए। जो लोग इस मुद्दे को उछाल रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि परिसीमन से पहले जनगणना होती है और उसके बाद ही कोई नया अधिनियम आता है। जब ऐसा कुछ हुआ ही नहीं, तो वे इस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं? उन्हें आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि क्या वे सही कर रहे हैं?”
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When will BJP National President Election be held?: अब सवाल यह उठता है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नए अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी क्यों कर रहा है? क्या यह कोई आंतरिक रणनीति है या फिर संगठन के भीतर कुछ असहमति चल रही है? भाजपा का कहना है कि नई नियुक्ति की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी इस निर्णय को लेकर बेहद सतर्कता बरत रही है। अब देखना होगा कि भाजपा अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा कब करती है और यह नियुक्ति पार्टी की आगामी रणनीति को कैसे प्रभावित करेगी।