डब्ल्यूबीसीसी प्रमुख के प्रदर्शन स्थल पहुंचने पर आंदोलनकारी चिकित्सकों ने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाये |

डब्ल्यूबीसीसी प्रमुख के प्रदर्शन स्थल पहुंचने पर आंदोलनकारी चिकित्सकों ने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाये

डब्ल्यूबीसीसी प्रमुख के प्रदर्शन स्थल पहुंचने पर आंदोलनकारी चिकित्सकों ने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाये

:   Modified Date:  September 29, 2024 / 07:29 PM IST, Published Date : September 29, 2024/7:29 pm IST

कोलकाता, 29 सितंबर (भाषा) कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख शुभंकर सरकार और पार्टी के कई अन्य नेताओं के रविवार को एक सरकारी अस्पताल पहुंचने पर आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों ने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाये।

कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सागर दत्ता अस्पताल के आंदोलनकारी चिकित्सकों ने इलाज के दौरान एक मरीज की मौत के बाद स्वास्थ्य इकाई में चिकित्सकों और नर्सों पर कथित हमले के विरोध में ‘काम बंद’ जारी रखा हुआ है।

आंदोलनकारी चिकित्सकों ने कहा कि कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनका प्रदर्शन ‘‘गैर-राजनीतिक है और किसी भी नेता को उनके मंच में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’

प्रदर्शनकारी चिकित्सकों में से एक ने पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सरकार से कहा, ‘‘यह बेहतर स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे और कार्यस्थलों पर चिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अधिक सुरक्षा के लिए नागरिकों का एक सामूहिक आंदोलन है। यह जूनियर चिकित्सकों का मंच है। आप कृपया यह जगह छोड़ दें और हम आपसे हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं।’’

सरकार ने वहां से निकलने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यहां आम नागरिक के रूप में आए हैं, न कि राजनीतिक व्यक्ति के रूप में। हम कनिष्ठ चिकित्सकों की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करते हुए यह जगह छोड़ रहे हैं, जो हमारे बच्चों की तरह हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि ‘‘चिकित्सकों ने उन्हें वापस जाने के लिए नहीं कहा।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वे अपने आंदोलन में कोई राजनीतिक रंग नहीं चाहते हैं। हम आज अपनी पार्टी का झंडा नहीं लिये हुए थे।’’

सरकार ने सागर दत्ता अस्पताल में 27 सितंबर की घटना को ‘‘अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा के पतन का एक और उदाहरण बताया, जो पहले आर जी कर आंदोलन के दौरान सामने आया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से स्वास्थ्य विभाग किसी और को सौंपने की मांग करते हैं, क्योंकि उनके पास अन्य जिम्मेदारियां भी हैं और वह राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सकतीं।’’

भाषा

अमित नरेश दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)