पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने जानबूझकर खामियों को छुपाया : उच्चतम न्यायालय

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने जानबूझकर खामियों को छुपाया : उच्चतम न्यायालय

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने जानबूझकर खामियों को छुपाया : उच्चतम न्यायालय
Modified Date: April 3, 2025 / 11:08 pm IST
Published Date: April 3, 2025 11:08 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की आलोचना करते हुए कहा कि उसने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति में खामियों तथा अवैधताओं को जानबूझकर छिपाया।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने से संबंधित अपने फैसले में यह तीखी टिप्पणी की।

फैसला सुनाते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि तथ्यात्मक पृष्ठभूमि और अनियमितताओं की ओर इशारा करने वाले विश्वसनीय साक्ष्यों के बावजूद ‘‘डब्ल्यूबीएसएससी ने शुरू में खामियों और अवैधताओं को छिपाने की कोशिश की।’’

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प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘प्रत्येक चरण में किए गए पर्दा डालने के प्रयासों और दिखावे ने सत्यापन और खामियों का पता लगाने की कोशिशों को अधिक कठिन या असंभव बना दिया। हमारे सामने यह साबित हो गया है कि अवैधताओं के कारण पूरी चयन प्रक्रिया में जानबूझकर समझौता किया गया।’’

भाषा जोहेब नेत्रपाल

नेत्रपाल


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