‘हम पैदल चले जाएंगे, बस हमें रोके ना, कुछ साधन नहीं दे रहें तो पैदल तो जाने दो’, मीडियाकर्मी को देख प्रवासी महिला का छलका दर्द

'हम पैदल चले जाएंगे, बस हमें रोके ना, कुछ साधन नहीं दे रहें तो पैदल तो जाने दो', मीडियाकर्मी को देख प्रवासी महिला का छलका दर्द

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  • Publish Date - May 15, 2020 / 03:54 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

दिल्ली। आज सुबह बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर पैदल ही अपने गांवों की ओर जाते दिखे। सड़कों पर प्रवासी मजदूरों और लोगों को देख आप सिहर जाएंगे।

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कोई अपने छोटे बच्चों को गोद में लिया सामान ढोते भरी दोपहरी में पैदल चल रहा है। उम्मीद बस यही है कि किसी तरह अपने घर पहुंच जाए।  

ऐसी ही एक महिला से जब मीडिया कर्मी ने बात करना चाहा तो महिला को दर्द कैमरे में छलक पड़ा। महिला ने बताया कि उसका घर झांसी में है, महिला बिलख कर कह रही है कि ‘मेरा ढाई साल का बच्चा रो रहा और बस यही कह रहा कि मम्मी घर पर आ जाओ।

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हम पैदल चले जाएंगे, बस हमें रोके ना। कुछ साधन नहीं दे रहें तो पैदल तो जाने दो’। अमूमन ये दृश्य सभी राज्यों में देखने को मिल रहा है। 

 

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महिला का कहना है कि यहां इंतजार करते हुए दो महीने हो गए मेरा बच्चा भूखा है वो कुछ खा नहीं रहा है। महिला के साथ कई मजदूर पैदल ही अपने गांव चल पड़े हैं।