हम कच्चातीवु वापस चाहते हैं: तमिलनाडु के मंत्री
हम कच्चातीवु वापस चाहते हैं: तमिलनाडु के मंत्री
चेन्नई, दो अप्रैल (भाषा) ‘वेज बैंक’ से होने वाले लाभ पर सहयोगी दल कांग्रेस से असहमति जताते हुए तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रघुपति ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार 1974 के समझौते के अनुसार श्रीलंका को दिया गया कच्चातीवु द्वीप वापस चाहती है।
‘वेज बैंक’ कन्याकुमारी के दक्षिण में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए उपयुक्त क्षेत्र है। यह केप कोमोरिन के निकट स्थित है तथा संसाधन संपन्न महाद्वीपीय समुद्री क्षेत्र है। यह समुद्री सीमा पर 1976 के भारत-श्रीलंका समझौते के अनुसार भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में आता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थगई ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें कच्चातीवु को एक अलग मामले के रूप में नहीं देखना चाहिए। बदले में हमें श्रीलंका से संसाधन संपन्न वेज बैंक मिला। हमें 1974 और 1976 के दोनों समझौतों को देखना चाहिए और समझना चाहिए कि वेज बैंक से हमें क्या लाभ हुआ।’’
इससे पहले सेल्वापेरुंथगई ने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा कच्चातीवु को पुनः प्राप्त करने के लिए विधानसभा में पेश किए गए राज्य सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया। लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के रुख में किसी भी बदलाव से इनकार किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2026 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस द्वीप को वापस लेने का समर्थन कर रहे हैं, कांग्रेस नेता ने जवाब दिया, ‘‘एक ही समझौता मत देखिए। दोनों समझौतों को देखिए। अब भी यह सही है। हमने चुनाव के लिए अपना रुख नहीं बदला है। द्वीप को वापस लेना हमारा कर्तव्य है लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस मुद्दे पर कोई गलती नहीं की थी।’’
उन्होंने कहा कि कच्चातीवु सिर्फ 285 एकड़ का जलविहीन क्षेत्र है, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री ने इसके बदले में देश के लिए ‘वेज बैंक’ के जरिए कई लाख एकड़ जमीन हासिल की।
जब पत्रकारों ने मंत्री रघुपति से इस बयान के बारे में पूछा तो उन्होंने ने ‘वेज बैंक’ से हुए फ़ायदों के बारे में आश्चर्य जताया।
उन्होंने कहा, ‘‘वह (सेल्वापेरुन्थागई) कहते हैं कि हमें फ़ायदा हुआ। यह कन्याकुमारी से 50 किलोमीटर और श्रीलंका से लगभग 80 समुद्री मील दूर है। इसका कोई फ़ायदा नहीं है। हम यह नहीं कह सकते कि हमें इससे फ़ायदा हुआ।’’
रघुपति ने स्पष्ट रूप से कहा, ‘‘इसे कच्चातीवु से जोड़ना अस्वीकार्य है। हम अपना स्थान वापस चाहते हैं। बस इतना ही।’’
इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को लेकर सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार की आलोचना की और दावा किया कि यह प्रस्ताव ऐसे समय पारित किया गया जब राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा गई थी।
विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगी दल पीएमके ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।
भाषा राजकुमार नेत्रपाल
नेत्रपाल

Facebook



