सरकार ने हमारी बात नहीं मानी, तो हमने भी सरकार की बात नहीं मानी, चल रही तारीख पर तारीखः राकेश टिकैत

सरकार ने हमारी बात नहीं मानी, तो हमने भी सरकार की बात नहीं मानी, चल रही तारीख पर तारीखः राकेश टिकैत

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  • Publish Date - January 8, 2021 / 12:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

नई दिल्लीः कृषि कानून को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की बैठक खत्म हो गई है, लेकिन आज भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। सरकार ने किसानों को 15 जनवरी को चर्चा के लिए फिर से बुलाया है। वहीं, बैठक के बाद किसान नेता राकेश सिंह टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है।

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टिकैत ने कहा है कि तारीख पर तारीख चल रही है। बैठक में सभी किसान नेताओं ने एक आवाज में बिल रद्द करने की मांग की। हम चाहते हैं बिल वापस हो, सरकार चाहती है संशोधन हो। सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हमने भी सरकार की बात नहीं मानी।

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दूसरी ओर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि आज किसान यूनियन के साथ तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा होती रही परन्तु कोई समाधान नहीं निकला। सरकार की तरफ से कहा गया कि क़ानूनों को वापिस लेने के अलावा कोई विकल्प दिया जाए, परन्तु कोई विकल्प नहीं मिला।

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सरकार ने बार-बार कहा है कि किसान यूनियन अगर क़ानून वापिस लेने के अलावा कोई विकल्प देंगी तो हम बात करने को तैयार हैं। आंदोलन कर रहे लोगों का मानना है कि इन क़ानूनों को वापिस लिया जाए। परन्तु देश में बहुत से लोग इन क़ानूनों के पक्ष में हैं। किसान यूनियन और सरकार दोनों ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक का निर्णय लिया है। मुझे आशा है कि 15 जनवरी को कोई समाधान निकलेगा।

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कृषि क़ानूनों का समर्थन कर रहे किसान संगठनों को बैठक में शामिल करने को लेकर उन्होंने कहा कि अभी इस प्रकार का कोई विचार नहीं है। अभी हम आंदोलन कर रहे पक्ष से बात कर रहे हैं, परन्तु अगर आवश्यकता पड़ी तो आने वाले समय में सरकार इसपर विचार कर सकती।

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