‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए एकजुट रहना होगा: पराक्रम दिवस पर बोले मोदी |

‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए एकजुट रहना होगा: पराक्रम दिवस पर बोले मोदी

‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए एकजुट रहना होगा: पराक्रम दिवस पर बोले मोदी

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Modified Date: January 23, 2025 / 05:46 PM IST
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Published Date: January 23, 2025 5:46 pm IST

( तस्वीर सहित )

नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और उन्हें देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों से आगाह भी किया।

महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर ओडिशा के कटक में आयोजित पराक्रम दिवस कार्यक्रम को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि नेताजी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

उन्होंने कहा कि नेताजी ने आराम का क्षेत्र छोड़ने का विकल्प चुना और देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया।

मोदी ने कहा, ‘‘नेताजी सुभाष कंफर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे। इसी तरह आज हम सभी को विकसित भारत के निर्माण के लिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना है। हमें खुद को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाना है और उत्कृष्टता को चुनना ही है, दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना है।’’

उन्होंने कहा कि नेताजी ने देश की स्वतंत्रता के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया और इसमें देश के हर क्षेत्र व हर वर्ग के लोग शामिल थे, जिनकी भाषाएं अलग-अलग थीं लेकिन भावना एक थी और वह थी देश की आजादी।

उन्होंने कहा, ‘‘यही एकजुटता आज विकसित भारत के लिए भी बहुत बड़ी सीख है। तब स्वराज के लिए हमें एक होना था, आज विकसित भारत के लिए हमें एक रहना है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में विश्व में हर तरफ भारत की प्रगति के लिए अनुकूल माहौल है और दुनिया भारत की ओर देख रही है कि कैसे हम इस 21वीं सदी को भारत की शताब्दी बनाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में हमें नेताजी सुभाष की प्रेरणा से भारत की एकजुटता पर बल देना है। हमें उन लोगों से भी सतर्क रहना है, जो देश को कमजोर करना चाहते हैं, जो देश की एकता को तोड़ना चाहते हैं।’’

उन्होंने अंडमान में बोस के नाम पर द्वीपों का नामकरण किए जाने और इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा की स्थापना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने सहित कई फैसलों का जिक्र किया और कहा कि नेताजी भारत की विरासत पर बहुत गर्व किया करते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है, अपनी विरासत पर गर्व करते हुए विकास कर रहा है।’’

मोदी ने कहा कि बीते 10 वर्षों में देश ने यह भी दिखाया है कि तेज विकास से सामान्य जन का जीवन भी आसान होता है और सैन्य सामर्थ्य भी बढ़ता है।

उन्होंने कहा कि बीते दशक में 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है और यह बहुत बड़ी सफलता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज गांव हो या शहर हर तरफ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, साथ ही भारत की सेना की ताकत में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व मंच पर भारत की भूमिका बढ़ रही है और भारत की आवाज बुलंद हो रही है तथा वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रेरणा से ‘एक लक्ष्य एक ध्येय – विकसित भारत’ के लिए निरंतर काम करते रहना है और यही नेताजी को हमारी सच्ची कार्यांजलि होगी।’’

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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