हम विश्वास बहाली के प्रयास कर रहे हैं- सेना प्रमुख ने चीन के साथ गश्ती को लेकर समझौते पर कहा

हम विश्वास बहाली के प्रयास कर रहे हैं- सेना प्रमुख ने चीन के साथ गश्ती को लेकर समझौते पर कहा

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  • Publish Date - October 22, 2024 / 09:49 PM IST,
    Updated On - October 22, 2024 / 09:49 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पिछले चार वर्ष से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए चीन के साथ समझौता होने की सरकार की घोषणा के एक दिन बाद भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि भारत अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल होने पर ही इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों को पीछे हटाने और हालात सामान्य बनाने पर गौर करेगा।

सेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त को लेकर चीन के साथ एक समझौता होने पर अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि भारतीय सेना ‘‘विश्वास’’ बहाली के प्रयास कर रही है और इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए दोनों पक्षों को ‘‘एक दूसरे को आश्वस्त’’ करना होगा।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को घोषणा की कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त करने को लेकर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। यह चार साल से जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।

यह घोषणा बुधवार को रूसी शहर कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच संभावित बैठक से पहले की गई।

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘जहां तक ​​हमारा सवाल है, हम अप्रैल 2020 की यथास्थिति की बहाली चाहते हैं। इसके बाद, हम सैनिकों की वापसी, हालात को सामान्य बनाने और वास्तविक नियंत्रण रेखा के सामान्य प्रबंधन पर गौर करेंगे। और, एलएसी का यह सामान्य प्रबंधन वहीं खत्म नहीं होगा। उसमें भी चरण हैं।’’

सीमा गतिरोध पर चीन के साथ लगभग सभी वार्ताओं में भारत मई 2020 की शुरुआत में सीमा गतिरोध शुरू होने से पहले की यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यही कह रहा हूं। तभी से हमारा यही रुख रहा है और आज भी यह (यही) है। इसलिए, अभी हम विश्वास बहाली के प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विश्वास बहाल कैसे होगा। विश्वास तब बहाल होगा जब हम एक-दूसरे से मिलेंगे और हम एक-दूसरे को समझा पाएंगे, वहां ‘बफर जोन’ को देखेंगे जो वहां पर बने हैं…। और, दोनों को एक दूसरे को आश्वस्त करना होगा।’’

सेना प्रमुख ने कहा कि गश्त फिर से शुरू करने से कुछ लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘गश्त से आपको उस तरह की अनुकूल परिस्थिति मिलती है और यही शुरू हो रहा है। और, जैसे-जैसे हम विश्वास बहाल करेंगे, अन्य चरण भी पूरे होंगे।’’

इस बीच चीन ने पूर्वी लद्दाख में उसकी और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए नयी दिल्ली के साथ एक समझौता होने की मंगलवार को पुष्टि की।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में कहा, ‘‘हाल के समय में भारत और चीन सीमा से संबंधित मुद्दों पर राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिए निकट संपर्क में रहे हैं।’’

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। यह झड़प पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य झड़प थी।

पिछले कुछ वर्षों में सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के बाद दोनों पक्ष टकराव वाले कई बिंदुओं से पीछे हट गए थे। हालांकि, देपसांग और डेमचोक संबंधी गतिरोध के समाधान में वार्ता में बाधाएं आईं। समझा जाता है कि सोमवार को घोषित समझौते से देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त की सुविधा मिलेगी।

भाषा अमित अविनाश

अविनाश