वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांवों में इस साल नहीं मनाया गया ओणम उत्सव

वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांवों में इस साल नहीं मनाया गया ओणम उत्सव

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  • Publish Date - September 15, 2024 / 04:39 PM IST,
    Updated On - September 15, 2024 / 04:39 PM IST

वायनाड, 15 सितंबर (भाषा) केरल के वायनाड जिले के इन गांवों में पिछले साल तक लोग ओणम के मौके पर जाति और धर्म के बंधन से परे जाकर घरों में फूलों की कालीन (पूकलम) बिछाते थे, झूले (ऊंजल) डालते थे और साथ में ‘वदमावली’ व ‘उरियाडी’ जैसे पारंपरिक खेल खेलते थे।

वे ‘तिरुवोणम’ का जश्न मनाने के लिए गांव के मंदिर और स्कूल के मैदान में एकत्र होते थे। लेकिन आज ‘तिरुवोणम’ के पावन अवसर पर वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला में ‘पूकलम’, ‘ऊंजल’ या उत्सव का कोई अन्य प्रतीक नजर नहीं आता। वायनाड में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं से इन गांवों में भारी तबाही मची थी।

चूरलमाला और मुंडक्कई के ज्यादातर मूल निवासी अब आसपास के इलाकों में किराये के मकानों में या अपने रिश्तेदारों के घरों में रहने को मजबूर हैं।

मेप्पडी में किराये के एक छोटे से मकान में रह रहे विजयन की आंखों से उस वक्त आंसू छलक पड़ते हैं, जब मुंडक्कई में पिछले साल तक मनाया गया ओणम उत्सव उसे याद आता है ।

वह कहता है, “मैं ओणम उत्सव के दौरान महसूस होने वाली खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। पिछले साल भी, हम सभी इस अवसर पर अपने परिवारों के साथ मुंडक्कई के मंदिर में एकत्र हुए थे। न केवल मुंडक्कई के परिवार, बल्कि चूरलमाला के लोग भी हमारे गांव में आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत करते थे।”

विजयन के मुताबिक, “इस साल ओणम पर हमारे पास ‘पूकलम’ बिछाने या दावत तैयार करने के लिए कोई घर या गांव नहीं है… हमने सब कुछ गंवा दिया है… सब कुछ…।”

एक अन्य व्यक्ति ने ओणम के अवसर पर चूरलमाला के स्कूल के मैदान में ‘वदमावली’ और ‘उरियाडी’ जैसे पारंपरिक खेल खेलने की खुशनुमा यादें ताजा कीं।

उसने कहा, “हमें जाति और धर्म के भेद के बारे में नहीं पता था। हम एकजुटता के साथ रहते थे और सारे त्योहार मिलजुलकर मनाते थे।”

चूरलमाला निवासी इस व्यक्ति ने कहा कि गांव के लोगों के लिए खुशियों का मतलब दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ त्योहार मनाना था। उसने कहा, “लेकिन आज उनमें से ज्यादातर लोग हमारे साथ नहीं हैं। इसलिए कोई भी त्योहार मनाने का क्या मतलब है?”

केरल सरकार ने पहले ही घोषणा की है कि वायनाड में हाल में हुए विनाशकारी भूस्खलन के कारण कोई आधिकारिक ओणम उत्सव नहीं होगा।

जिले में घटी त्रासदी को याद करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को अपने ओणम संदेश में कहा था कि राज्य सरकार अभी घरों के पुनर्निर्माण, रोजगार के साधन सृजित करने और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से गतिशील बनाने के प्रमुख अभियान में जुटी हुई है।

विजयन ने लोगों से मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) में योगदान देकर भूस्खलन से तबाह हुए क्षेत्रों के पुनर्निर्माण में मदद करने का आग्रह किया था।

वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला सहित कई गांव 30 जुलाई को भारी बारिश के बाद बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं की चपेट में आ गए थे, जिससे 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों अन्य घायल हुए थे।

भाषा पारुल नरेश

नरेश