वायनाड (केरल), 13 नवंबर (भाषा) इस साल जुलाई में पहाड़ी जिले वायनाड में आए भूस्खलन से प्रभावित हुए लोगों के लिए बनाए गए मतदान केंद्रों पर भावुक दृश्य देखने को मिले, जब वे वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में अपने पड़ोसियों और करीबी दोस्तों से मिले।
भूस्खलन में जीवित बचे लोगों ने खुशी से एक-दूसरे को गले लगाया और फिर रो पड़े। उन्होंने याद किया कि कैसे वे सभी 30 जुलाई से पहले तक एक बड़े खुशहाल परिवार की तरह रहते थे। 30 जुलाई को आए भूस्खलन ने सब कुछ तबाह कर दिया।
एक बुजुर्ग व्यक्ति यह बताते हुए रो पड़ा कि कैसे पुंचरीमट्टम, चूरलमाला और मुंदक्कई गांवों के निवासी अपने धर्मों से इतर हर त्योहार एक साथ मनाते थे। भूस्खलन में ये गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए।
भूस्खलन प्रभावित मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने के लिए बस की व्यवस्था की गई है। इस बस में मिले बुजुर्ग व्यक्ति के एक दोस्त ने उन्हें गले लगाया और सांत्वना देते हुए कहा, ‘‘रोओ मत, सब ठीक हो जाएगा।’’
एक अन्य महिला ने बताया कि भूस्खलन के बाद, बचे हुए लोगों को जिले के विभिन्न हिस्सों में स्थानांतरित कर दिया गया या उनका पुनर्वास किया गया।
उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘इसलिए, जब हम इतने लंबे अंतराल के बाद उनसे मिल रहे हैं, तो सबसे पहले हम पूछते हैं कि आप कहां रह रहे हैं। यह नहीं पूछते कि आप कैसे हैं।’’
भूस्खलन में प्रभावित हुए लोगों के लिए उन स्थानों से मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए एक विशेष निःशुल्क वाहन सेवा प्रदान की गई है, जहां वे अस्थायी रूप से रह रहे हैं।
भूस्खलन में 200 से अधिक लोग मारे गए और इस आपदा में तीन गांव तबाह हो गए तथा सैकड़ों घर नष्ट हो गए।
भाषा
मनीषा वैभव
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