देश में रचनात्मक ऊर्जा की लहर, एनिमेशन की दुनिया में ‘मेड इन इंडिया’ छाया हुआ है: मोदी

देश में रचनात्मक ऊर्जा की लहर, एनिमेशन की दुनिया में ‘मेड इन इंडिया’ छाया हुआ है: मोदी

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  • Publish Date - October 27, 2024 / 01:25 PM IST,
    Updated On - October 27, 2024 / 01:25 PM IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश के रचनात्मक ऊर्जा की एक लहर चल रही है और एनिमेशन की दुनिया में ‘मेड इन इंडिया’ और ‘मेड बाइ इंडियंस’ छाया हुआ है।

उन्होंने कहा कि एनिमेशन की दुनिया में भारत नयी क्रांति की राह पर है जबकि गेमिंग स्पेस का भी यहां विस्तार हो रहा है और वह दुनिया में लोकप्रिय हो रहे हैं।

आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 150वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर हो रहा भारत, हर क्षेत्र में कमाल कर रहा है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों से भारत को एनिमेशन की दुनिया की वैश्विक शक्ति बनाने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया।

छोटा भीम, कृष्णा, हनुमान और मोटू-पतलू जैसे एनिमेशन चरित्रों की लोकप्रियता का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि यह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देश के बच्चों को भी खूब आकर्षित करते हैं और इन्हें चाहने वाले भी दुनियाभर में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एनिमेशन की दुनिया में भारत नई क्रांति करने की राह पर है। भारत के गेमिंग स्पेस का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। भारतीय गेम्स भी इन दिनों दुनिया-भर में लोकप्रिय हो रहे हैं।’’

पिछले दिनों भारत के अग्रणी गेमर्स से हुई अपनी मुलाकात को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘वाकई, देश में रचनात्मक ऊर्जा की एक लहर चल रही है। एनिमेशन की दुनिया में ‘मेड इन इंडिया’ और ‘मेड बाइ इंडियंस’ छाया हुआ है।’’

प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि भारतीय प्रतिभाएं वैश्विक स्तर पर भी गेमिंग में मह्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

उन्होंने स्पाइडर मैन और ट्रांसफॉर्मर्स जैसी फिल्मों में भारतीय एनिमेटर हरि नारायण राजीव के योगदान की चर्चा की और कहा कि अब भारत के युवा मौलिक सामग्री तैयार कर रहे हैं, जो देश की संस्कृति की झलक दर्शाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘एनिमेशन क्षेत्र आज एक ऐसे उद्योग का रूप ले चुका है कि जो दूसरे उद्योगों को ताकत दे रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ की इस कड़ी में ‘डिजिटल पर्यटन’ की बढ़ रही लोकप्रियता का भी जिक्र किया और युवाओं से अपनी सृजनात्मकता को विस्तार देने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या पता दुनिया का अगला सुपर हिट एनिमेशन आपके कम्प्यूटर से निकले! अगला लोकप्रिय गेम आपकी रचना हो। शिक्षा के क्षेत्र में एनिमेशन का आपका नवोन्मेष बड़ी सफलता हासिल कर सकता है।’’

प्रधानमंत्री ने 28 अक्टूबर को विश्व एनिमेशन दिवस का जिक्र करते हुए लोगों से भारत को एनिमेशन की दुनिया में पावरहाउस बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

मोदी ने अपने संबोधन के दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी उल्लेख किया और कहा कि यह देश की सामूहिक चेतना का हिस्सा बन गया है और पग-पग पर हमारी प्रेरणा बन गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भरता हमारी नीति ही नहीं, हमारा जुनून बन गया है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि दस साल पहले जटिल प्रौद्योगिकी को भारत में विकसित करने की बात पर कई लोगों को विश्वास नहीं होता था तो कई उपहास उड़ाते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज वही लोग, देश की सफलता को देखकर अचंभे में रहते हैं। आत्मनिर्भर हो रहा भारत, हर क्षेत्र में कमाल कर रहा है।

मोदी ने कहा कि एक जमाने में भारत मोबाइल फोन आयात करता था और आज वह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता बन गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘कभी दुनिया में सबसे ज्यादा रक्षा उपकरण खरीदने वाला भारत आज, 85 देशों को निर्यात कर रहा है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत आज, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भरता का ये अभियान अब सिर्फ सरकारी अभियान नहीं है, अब आत्मनिर्भर भारत अभियान एक जन अभियान बन रहा है। हम हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने इस कड़ी में लद्दाख के हानले में एशिया की सबसे बड़ी ‘इमेजिंग टेलीस्कोप मेस’ का उद्घाटन किए जाने का जिक्र किया कहा कि यह भी ‘मेड इन इंडिया’ है।

इस उपलब्धि को ‘आत्मनिर्भर भारत का सामर्थ्य’ करार देते हुए उन्होंने श्रोताओं से कहा, ‘‘सोचिए, जिस स्थान पर माइनस 30 डिग्री की ठंड पड़ती हो और जहां ऑक्सीजन तक का अभाव हो, वहां हमारे वैज्ञानिकों और स्थानीय उद्योग ने वो कर दिखाया है, जो एशिया के किसी देश ने नहीं किया।’’

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आत्मनिर्भर होते भारत के ज्यादा-से-ज्यादा उदाहरण और ऐसे प्रयासों को साझा करने का आग्रह किया और त्योहारों के इस मौसम में इस अभियान को ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र के साथ और मजबूत करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें न सिर्फ भारत को आत्मनिर्भर बनाना है बल्कि अपने देश को नवोन्मेष के वैश्विक पावरहाउस के रूप में मजबूत भी करना है।’’

भाषा ब्रजेन्द्र प्रशांत

प्रशांत