इंदिरा गांधी को हो गया था हत्या का अंदेशा? एक दिन पहले भाषण में किया था जिक्र

Was Indira Gandhi suspected of murder? It was mentioned in the speech a day ago

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  • Publish Date - October 31, 2021 / 09:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

नई दिल्ली। इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को उनके 1 सफदरजंग रोड स्थित आवास पर कर दी गई थी। इंदिरा गांधी की सुरक्षा में तैनात रहे सब इंस्पेक्टर बेअंत सिंह और कॉन्स्टेबल सतवंत सिंह ने ही उनपर कई गोलियों की बौछार कर उनकी हत्या कर दी थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी हत्या का अंदेशा पहले ही हो गया था। इसका जिक्र उन्होंने एक दिन पहले उड़ीसा की अपनी रैली में भी किया था।

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उड़ीसा में उस दौरान विधानसभा के चुनाव चल रहे थे और इंदिरा गांधी भी चुनाव प्रचार में व्यस्त थीं। अपनी हत्या के एक दिन पहले उन्होंने भुवनेश्वर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया था।

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आमतौर पर इंदिरा अपने अपने सलाहकार एच वाई शारदा प्रसाद या अन्य सहयोगियों द्वारा लिखा भाषण पढ़ती थीं। लेकिन उस दिन उन्होंने अपने सलाहकार के द्वारा लिखा हुआ भाषण पढने की बजाय अपने मन से ही बोलना शुरू किया।

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उनके इस भाषण से वहां मौजूद उनकी पार्टी के नेता और अफसर भी चकित हो गए। उन्हें यह समझ नहीं आया कि आखिर उन्होंने अपने भाषण में इन बातों का जिक्र क्यों किया। इंदिरा गांधी जनसभा को संबोधित करने के बाद दिल्ली स्थित अपने आवास लौट आईं। कहा जाता है कि उस रात इंदिरा गांधी को ठीक से नींद भी नहीं आई थी।

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जनसभा को संबोधित करने के दौरान इंदिरा गांधी ने कहा कि मैं आज यहां हूं। कल शायद यहां न रहूं। मुझे चिंता नहीं। मैं रहूं या न रहूं। मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया है। मैं अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करती रहूंगी और जब मैं मरूंगी तो मेरे ख़ून का एक-एक क़तरा भारत को मजबूत करने में लगेगा।