हुबली (कर्नाटक), सात नवंबर (भाषा) वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ‘‘तथ्य अन्वेषण’’ और वक्फ मामले में पीड़ितों से मिलने के लिए कर्नाटक आए हैं।
राज्य के कुछ हिस्सों में किसानों और अन्य लोगों के एक वर्ग ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है।
पाल अपनी यात्रा के दौरान हुबली, विजयपुरा और बेलगावी का दौरा करेंगे, जिसके दौरान वह राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा भूमि पर किए जा रहे दावे के संबंध में किसानों और विभिन्न संगठनों के सदस्यों से मिलेंगे।
बेंगलुरु दक्षिण के सांसद और जेपीसी सदस्य तेजस्वी सूर्या के कार्यालय ने बताया कि इस दौरान सूर्या भी उनके साथ होंगे।
पाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष के रूप में मैं उन पीड़ित किसानों से मिलने आया हूं, जिनकी जमीन पर अब वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है। यह जमीन 50-70 सालों से किसानों की थी, जिस पर अचानक वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है। वे (किसान) इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने उनसे हवाई अड्डे पर मुलाकात की और उन्हें कुछ कागजात सौंपे।
पाल ने कहा, ‘‘मैंने यह भी पूछा है कि जिस जमीन पर वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है – क्या आपके (किसानों) पास उसके स्वामित्व से संबंधित कोई दस्तावेज हैं? – वे कह रहे हैं कि वे जमीन के वास्तविक मालिक हैं, फिर भी वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है।’’
पाल ने कहा कि सूर्या ने उन्हें ‘‘गंभीर स्थिति’’ से अवगत कराया और उनसे हुबली, विजयपुरा आने का अनुरोध किया, क्योंकि वक्फ बोर्ड ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित कुछ ऐतिहासिक स्मारकों पर भी दावा किया है।
भाषा शफीक मनीषा
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