वक्फ बैठक: कल्याण बनर्जी ने बोतल तोड़कर पाल की तरफ फेंकी, एक दिन के लिए निलंबित

वक्फ बैठक: कल्याण बनर्जी ने बोतल तोड़कर पाल की तरफ फेंकी, एक दिन के लिए निलंबित

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  • Publish Date - October 22, 2024 / 05:24 PM IST,
    Updated On - October 22, 2024 / 05:24 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में मंगलवार को उस समय बहुत ही नाटकीय घटनाक्रम हुआ जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने पानी वाली कांच की बोतल तोड़कर समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की तरफ फेंक दी, जिसके बाद उन्हें एक दिन के लिए समिति की बैठक से निलंबित कर दिया गया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस के दौरान बनर्जी ने गुस्से में आ गए और बोतल तोड़कर फेंकी।

समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बनर्जी के आचारण की निंदा करते हुए कहा कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे।

उन्होंने कहा, ‘‘वह सारी सीमाओं को लांघ गए थे, सारी मर्यादा को लांघ गए थे….समिति की अगली बैठक से उन्हें निष्कासित किया गया है।’’

पाल ने कहा कि इस घटना के तत्काल बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को फोन पर अवगत करा दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं चार दशक से संसदीय जीवन में हूं। ऐसा कभी नहीं देखा। कल कोई रिवाल्वर लेकर आए। इस तरह की घटना से आहत हूं। समिति ने बहुत भारी मन से (निलंबित करने) फैसला किया है।

बोतल तोड़कर फेंकने के दौरान बनर्जी के अंगूठे और कनिष्ठा (सबसे छोटी अंगुली) में चोट लग गई जिस वजह से उन्हें प्राथमिक उपचार देना पड़ा।

बाद में उन्हें एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह द्वारा बैठक कक्ष में वापस ले जाते देखा गया।

अधिकारियों ने टीएमसी सदस्य को सूप भी पेश किया।

पाल ने बताया कि बनर्जी को एक दिन के लिए निलंबित करने के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के प्रस्ताव पर समिति ने 9-8 से वोट किया।

बैठक खत्म होने के बाद बनर्जी ने घटना के बारे में पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया।

समिति ओडिशा के दो संगठनों के विचार सुन रही थी, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश और वकील शामिल थे, उस समय विपक्षी सदस्यों ने सवाल किया कि इस विधेयक से इनका क्या लेनादेना है।

भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि बनर्जी बोलने वाले पहले व्यक्ति थे और अध्यक्ष ने उन्हें कुछ हस्तक्षेप की अनुमति भी दी। जब उन्होंने एक बार फिर बोलने का मौका देने की मांग की तो पाल ने मना कर दिया। इसके बाद बनर्जी और गंगोपाध्याय के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। गंगोपाध्याय ने बार-बार होने वाले व्यवधान पर आपत्ति जताई थी।

वक्फ (संशोधन) विधेयक को मानसून सत्र में लोकसभा में पेश किए जाने के तुरंत बाद संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था।

भाषा हक हक माधव

माधव