वक्फ विधेयक ‘धर्मनिरपेक्षता विरोधी’, मुसलमानों के अधिकार छीनेगा : ममता

वक्फ विधेयक 'धर्मनिरपेक्षता विरोधी', मुसलमानों के अधिकार छीनेगा : ममता

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  • Publish Date - November 28, 2024 / 09:34 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 09:34 PM IST

कोलकाता, 28 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को ‘‘धर्मनिरपेक्षता विरोधी’’ बताते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि इससे मुसलमानों के अधिकार छिन जाएंगे।

ममता ने विधानसभा में अपने संबोधन में कहा कि केंद्र ने वक्फ (संशोधन) विधेयक मामले पर राज्यों से परामर्श नहीं किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह विधेयक देश की संघीय व्यवस्था और धर्मनिरपेक्षता विरोधी है। यह एक खास वर्ग को बदनाम करने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास है। इससे मुसलमानों के अधिकार छिन जाएंगे… केंद्र ने वक्फ विधेयक पर हमसे परामर्श नहीं किया।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर किसी धर्म पर हमला हुआ तो’’ वह पूरे दिल से इसकी निंदा करेंगी।

विपक्षी दलों ने मौजूदा वक्फ अधिनियम में विधेयक द्वारा प्रस्तावित संशोधनों की कड़ी आलोचना की है तथा आरोप लगाया है कि ये संशोधन मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया है कि संशोधन से वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता आएगी और वे जवाबदेह बनेंगे। इस विवादास्पद विधेयक की जांच के लिए एक संसदीय समिति गठित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्फ मामलों को ब्रिटिश काल में 1934 में एक अधिनियम के तहत लाया गया था और आजादी के बाद इसमें संशोधन किया गया तथा 1995 में एक और संशोधन किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने आठ अगस्त 2024 को लोकसभा में विधेयक पेश किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य इसमें संशोधन करना था। मेरा मानना ​​है कि अगर यह कानून बन गया तो वक्फ खत्म हो जाएगा। केंद्र को इस मामले पर राज्यों से बात करनी चाहिए थी, क्योंकि केंद्रीय वक्फ बोर्ड की तरह राज्य निकाय भी है। और यह एक अर्ध-न्यायिक निकाय है।’’

लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति का कार्यकाल बृहस्पतिवार को अगले साल बजट सत्र के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ा दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह विधेयक एक धर्म के खिलाफ है। हमने 26 नवंबर को संविधान की 75वीं वर्षगांठ मनाई। हम एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश हैं। विविधता में एकता हमारा धर्म है। यह विधेयक समानता की मूल भावना और किसी भी धर्म को मानने के अधिकार के खिलाफ है।’’

उन्होंने दावा किया कि मुसलमानों के अलावा हिंदू एवं अन्य धर्मों के लोग भी लोगों के विकास के लिए वक्फ संपत्तियों में दान देते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ की जमीन पर स्कूल, छात्रावास और अस्पताल बनाए गए हैं। क्या विधेयक के कानून बन जाने के बाद ऐसी जमीन पर रहने वालों को बुलडोजर से हटाया जाएगा।’’

ममता ने कहा, ‘‘ हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी हमारे मित्र हैं। हम सबके लिए हैं, किसी एक धर्म के लिए नहीं। लेकिन, अगर किसी धर्म में अत्याचार होता है, तो हम इसकी निंदा करते हैं। मुझे लगता है कि यह (वक्फ संशोधन विधेयक) राजनीतिक कारणों से लाया गया है।’’

भाषा रविकांत रंजन

रंजन