मतदाताओं को भेदभाव, प्रलोभन से ऊपर उठना चाहिए : मुर्मू

मतदाताओं को भेदभाव, प्रलोभन से ऊपर उठना चाहिए : मुर्मू

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  • Publish Date - January 25, 2025 / 06:54 PM IST,
    Updated On - January 25, 2025 / 06:54 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि मतदाताओं में लोकतंत्र में आस्था के अलावा यह दृढ़ संकल्प होना चाहिए कि वे संकीर्णता, भेदभाव और प्रलोभन से ऊपर उठकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।

राष्ट्रीय राजधानी में 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि प्रबुद्ध मतदाता लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं।

उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में सुधार लाने और इसे अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नयी प्रौद्योगिकियों एवं सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए निर्वाचन आयोग की तारीफ की।

कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

मुर्मू ने कहा कि उन्हें यकीन है कि भारतीय लोकतंत्र वैश्विक समुदाय के लिए मिसाल कायम करना जारी रखेगा।

उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में आस्था के अलावा मतदाताओं में यह दृढ़ संकल्प होना चाहिए कि वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते समय संकीर्णता, भेदभाव और प्रलोभन से ऊपर उठकर फैसला लेंगे… प्रबुद्ध मतदाता लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं।”

राष्ट्रपति ने कहा कि चुनावों में भारत के समावेशी लोकतंत्र की प्रभावशाली झलक दिखाई देती है। उन्होंने मतदान में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को समाज और देश के समग्र विकास का सूचक करार दिया।

मुर्मू ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने 85 साल और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों, दिव्यांगों और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले आदिवासी मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के वास्ते विशेष प्रयास किए हैं।

कार्यक्रम में कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एवं सेवा शर्तों के संबंध में एक कानून पारित किया गया है।

उन्होंने याद दिलाया कि नये संसद भवन में पारित होने वाला पहला विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने से संबंधित था।

मेघवाल ने कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा पर आधारित विधेयक नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से लाया गया एक और सुधार है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने पहली बार 1983 में अपनी पहली वार्षिक रिपोर्ट में यह विचार पेश किया था और संबंधित विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेजा गया है।

मेघवाल ने विश्वास जताया कि एक साथ चुनाव से सुशासन कायम होगा।

कार्यक्रम में मुर्मू ने राज्यों और जिलों के उन अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ चुनावी अभ्यास पुरस्कार प्रदान किया, जिन्होंने चुनावों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय प्रदर्शन दिया। इस दौरान, राष्ट्रपति को ‘इंडिया वोट्स 2024 : अ सागा ऑफ डेमोक्रेसी’ की पहली प्रति भी भेंट की गई।

भारत के गणतंत्र बनने से एक दिन पहले 25 जनवरी 1950 को निर्वाचन आयोग की स्थापना के उपलक्ष्य में इस तिथि को पिछले 15 वर्षों से राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

भाषा

पारुल माधव

माधव